वाराणसी में होगा दो संस्कृतियों का मिलन, प्रधानमंत्री करेंगे 'काशी तमिल संगमम' का उद्घाटन

Update: 2022-11-18 13:26 GMT

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शनिवार को 'काशी तमिल संगमम' नामक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा। 'काशी तमिल संगमम' का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा केंद्रों काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंधों को फिर से खोजना, पुष्ट करना और उसका जश्न मनाना है। 

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। उद्घाटन समारोह में संगीतकार इलैयाराजा द्वारा गायन और पुस्तक विमोचन जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। काशी तमिल संगमम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय अन्य मंत्रालयों जैसे संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण और यूपी सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान प्रधानमंत्री की काशी यात्रा से पहले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए वाराणसी में कार्यक्रम की तैयारियों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने काशी तमिल संगमम के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय, तमिलनाडु के राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ भी बैठकें कीं। कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान कराना है। यह प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ भारतीय ज्ञान प्रणालियों को एकीकृत करने पर जोर देने के अनुरूप है।

आईआईटी मद्रास और बीएचयू कार्यक्रम की दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं। छात्र, शिक्षक, साहित्य, संस्कृति, कारीगर, आध्यात्मिक, विरासत, व्यवसाय, उद्यमी, पेशेवर आदि 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2500 से अधिक प्रतिनिधि 8 दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे। प्रतिनिधि प्रयागराज और अयोध्या सहित वाराणसी और उसके आसपास के दर्शनीय स्थलों का भी दौरा करेंगे।इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लाभ के लिए वाराणसी में दो क्षेत्रों के हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी उत्पादों, पुस्तकों, वृत्तचित्रों, व्यंजनों, कला रूपों, इतिहास, पर्यटन स्थलों आदि की एक महीने लंबी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

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