प्रधानमंत्री मोदी ने काशी को दी बड़ी सौगात,कहा -जो सपना देखा था वो अब धीरे-धीरे साकार हो रहा

प्रधानमंत्री ने काशी से 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया

Update: 2023-09-23 06:44 GMT

वाराणसी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 1,115 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित काशी सहित उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों को लोकार्पण किया। सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों से सवाद किया।

इस दौरान बच्चों के अनोखे स्वागत के अंदाज से प्रधानमंत्री मोदी गदगद दिखे । प्रधानमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की तरफ से लगाई गई प्रदर्शन का उद्घाटन भी कियां। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारस सदियों से शिक्षा का केंद्र रहा है। देश दुनिया के कोने-कोने से आकर यहां लोग पढ़ाई करते हैं। आज भी कितने ही लोग ज्ञान लेने आते हैं। आज इसी भावना को केंद्र में रखकर अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया है। इस पर करीब 1100 करोड़ खर्च किए गए हैं।




 



प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब यहां आया था तो विकसित काशी का जो सपना देखा था वो अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। बनारस के लोगों के प्रयास से यह सब कुछ हुआ है। प्रधानमंत्री ने काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का जिक्र कर कहा कि इस महोत्सव से पता चला कि मेरी काशी और आसपास के जिले में कितनी प्रतिभा है। दिल्ली में तमाम व्यस्तता के बीच भी काशी सांसद सांस्कृति महोत्सव को देखा और व्यापक रूप से लोगों ने हिस्सा लिया। रात में देर से पहुंचता था, तब भी वीडियो देख लेता था। मुझे गर्व है, इसके जरिए मुझे इस क्षेत्र की इतनी सारी प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिल गया है।

मोदी ने बनारस के प्राचीन गौरव,कलाकारों को उल्लेखकर कहा कि काशी की गली-गली में संगीत है, कई घराने हैं, संगीत की समृद्ध विरासत है। प्रधानमंत्री ने रामलीला, नागनथैया मेला, देव दीपावली और संकट मोचन संगीत समारोह का जिक्र कर कहा कि काशी में तबला है तो सितार भी है, शहनाई है तो मृदंग और वीणा भी है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी नटराज की नगरी है। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्हीं कलाओं और विधाओं को मुनियों ने व्यवस्थित और विस्तृत किया है। काशी का मतलब सात वार नौ त्योहार है। यहां कोई भी उत्सव गीत संगीत के बिना पूरा हो ही नहीं सकता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि काशी में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, यहां की विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खान-पान के प्रति जागरूकता और बढ़े। सांसद ज्ञान प्रतियोगिता भी शहर और ग्रामीण इलाकों में अलग अलग आयोजित की जाएगी। काशी के बारे में सबसे ज्यादा काशी के ही लोग जानते हैं। काशी के लोग काशी के ब्रांड एंबेसडर हैं। यह जरूरी है कि काशी के लोग अपनी जानकारी को अच्छे से बता सकें।

उन्होंने कहा कि काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल टूरिस्ट गाइड बहुत बड़ा रोजगार बन रहा है। जो भी टूरिस्ट काशी आ रहा है वह सबकुछ समझना चाहता है। आप गाइड बनकर आइए और लोगों को यहां के बारे में समझाइए और इनाम जीतिए। हमें यह काम इसलिए करना है कि मैं चाहता हूं मेरी काशी का दुनिया में डंका बजना चाहिए। मैं चाहता हूं कि दुनिया में गाइड की बात हो तो काशी के गाइड का नाम सम्मान से लिया जाए। सभी गाइड अभी से तैयारी करें और बढ़चढ़कर इसमें हिस्सा लें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से काशी आज नई उड़ान को छू रहा है। जी-20 सम्मेलन से भारत दुनिया में झंडा गाड़ रहा है। इसमें काशी का बड़ा रोल रहा। जी-20 के लिए जो भी मेहमान काशी आया वो यहां की यादों को समेट कर ले गया। उन्होंने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से जी-20 सम्मलेन को अद्भुत सफलता मिली। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने काशी सांसद खेल महोत्सव के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने के साथ रूद्राक्ष के पहले पंक्ति की सीट पर बैठकर काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के प्रतिभागियों की आकर्षक प्रस्तुति देखी पूरे उत्साह से देखी और प्रतिभागियों का जमकर उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

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