वाराणसी। प्रदेश के वन, जन्तु एवं पर्यावरण विकास मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि काशी दुनिया का सबसे प्राचीन शहर है। इस काशी में पर्यावरण कुम्भ का आयोजन हो रहा है। यह गोरव की बात है। यह बाबा भोलेनाथ का शहर है। उस भोलेनाथ का जिसने हलाहल विष पीकर दुनिया की रक्षा की थी। पर्यावरण कुम्भ से जो विचार अमृत निकला है, उससे सबका भला होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को लेकर हम अगर गंभीर नहीं हुए, हमने पेड़ों की अवेध कटान नहीं रोकी तो आने वाले दिनों में हमें आक्सीजन सिलेण्डर लेकर चलना पड़ सकता है। वे महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित पर्यावरण कुम्भ के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में अगले माह संगम पर महाकुम्भ लगने वाला है। उसमें दुनिया भर के तमाम लोग आएंगे। मेला संवाद का केन्द्र होता है। उसमें हम पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने का मार्ग तलाश करेंगे। पूर्वजों की सोच को वैज्ञानिक करार देते हुए कहा कि पुराने लोग नीम और पीपल को न काटते थे और न काटने देते थे। आम के पल्ल्व भी शाम को नहीं तोड़ते थे। पीपल चौबीसों घण्टे आॅक्सीजन देता है, यह बात उन्हें पता थी।
प्रदेश में 22 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि इस पर्यावरण कुम्भ में दो दिन के विचार मंथन से जो सुझाव आए हैं, उनके शत प्रतिशत अनुपालन को लेकर सरकार वचनवद्ध है। हमारी सरकार ने एक दिन में 09 करोड़ पौधे लगाने का इतिहास रचा है। 22 करोड़ पौधे लगाने का हमारा लक्ष्य है। हम अवैध कटान रोकने पर कठोरता नियंत्रण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वृक्ष-एक आदमी का संकल्प व्यक्त किया है। हमारी सरकार उत्तर प्रदेश को प्रदूषण मुक्त कराकर रहेगी। प्रत्येक व्यक्ति अगर एक पेड़ लगा देगा तो उप्र की धरती हरियाली से भर जाएगी और पर्यावरण का संकट खत्म हो जाएगा।
बिजनौर से बलिया तक निर्मल होगी गंगा
दारा सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बिजनौर से बलिया तक गंगा को निर्मल बनाएगी। उसमें नालों और कल-कारखानों के रासायनिक अवलेह का उत्सर्जन रोकेगी। कल-कारखानों के रासायनिक कचरे को गंगा या किसी भी नदी में जाने से रोकने के लिए उप्र के 23 विभाग लगे हुए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार गंगा से जुड़ने वाली सभी सहायक नदियों को निर्मल बनाने का काम करेगी।