वाराणसी : दीनानाथ झुनझुनवाला की फैक्ट्री और आवास पर सीबीआई का छापा

- हजारों करोड़ रुपये की बैंक से धोखाधड़ी मामले में पहले भी पड़ चुका है छापा

Update: 2019-11-05 14:27 GMT

वाराणसी। कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े वाराणसी के जाने-माने उद्यमी दीनानाथ झुनझुनवाला की आशापुर स्थित फैक्ट्री व नाटी इमली स्थित आवास पर मंगलवार को सीबीआई ने अचानक छापेमारी की जिससे अफरा-तफरी मच गई। सीबीआई टीम ने कारखाने और मकान को अपने घेरे में लेकर दरवाजा बंद कर छानबीन की। उद्यमी के आवास और कारखाने पर आयकर विभाग का छापा पूर्व में भी पड़ चुका है। बैंकों में सात हजार करोड़ की धोखाधड़ी के मामलों में दर्ज 35 मुकदमों को लेकर सीबीआई टीम ने देश के 14 राज्यों सहित वाराणसी में एक साथ छापेमारी की।

उद्यमी दीनानाथ झुनझुन वाला पर भी बैंक का करोड़ों रुपये डकारने का आरोप है। उद्यमी ने बैंक ऑफ बड़ौदा से 400 करोड़ रुपये त्रृण लिए थे, जिसको अभी तक जमा नहीं किया है। पिछले दिनों बैंक ने नीलामी का आदेश भी जारी किया था। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने उद्यमी के आवास और कारखाने में बैंक से लिए 22 सौ करोड़ रुपये के आय व्यय दस्तावेज की जांच की। सीबीआई लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राघवेंद्र वत्स के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची। सीबीआई ने वर्ष 2010 से लेकर अब तक के बैंकों से लिए गए लोन और खर्च विवरण के दस्तावेजों की जांच की और काफी कागजात जब्त कर लिये हैं।

इससे पहले भी हुई है आयकर विभाग की छापेमारी

वर्ष 2013 के जनवरी महीने में आयकर विभाग ने दीनानाथ झुनझुनवाला के झूला वनस्पति (जेवीएल) एग्रो लिमिटेड में छापेमारी की थी। विभाग के अफसरों ने व्यापारी और उनके परिजनों के बैंक ऑफ बड़ौदा समेत अन्य बैंकों में जांच के बाद छूट सीमा के बाद मिली लगभग पौने तीन किलो सोने की ज्वैलरी सीज कर दी। ज्यादातर गहनों में बेशकीमती रत्न जड़े थे। सीज किए गए आभूषणों की कीमत लगभग एक करोड़ बताई गई थी। आयकर विभाग का व्यापारी के यहां कई बार छापा पड़ चुका है। उत्पादन की गुणवत्ता, बिजली बिल, हड़ताल, ग्राम समाज की जमीन संबंधी कई विवादों में घिरी इस कंपनी की साख साफ सुथरी नहीं है। 

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