महाकुम्भनगर: महाकुम्भ के संत समागम में समान नागरिक संहिता की गूंज, यूसीसी लागू करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सम्मान…
मुख्यमंत्री के सम्मान में संतों ने किया समानता के साथ समरसता कार्यक्रम, समान नागरिक संहिता लागू करने पर संत समाज ने महाकुंभ में मुख्यमंत्री का किया अभिनंदन...;
महाकुम्भनगर। महाकुम्भ में उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की भी गूंज सुनाई दे रही है। यूसीसी लागू करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संत समाज ने सम्मान किया। गंगेश्वर मार्ग पर सेक्टर-9 स्थित आचार्य शिविर में 'समानता के साथ समरसता' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर सभी संतों ने उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। संतों ने पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री का अभिनंदन भी किया। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज, श्री महंत रविंद्रपुरी महाराज, महंत श्री हरि गिरी महाराज, महामंडलेश्वर नारायण गिरी महाराज, स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोष आनंद गिरी महाराज एवं अन्य संतगण बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है। समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। मेरा जो सम्मान संतों ने किया है, वो उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखंड की जनता के सामने समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प रखा था। जनता ने हमें अपना आशीर्वाद दिया। सरकार बनने के बाद सबसे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी का गठन किया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की राज्य सरकार ने देश की आजादी के बाद सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा देवभूमि में किसी भी धर्म, जाति के रहने वाले लोगों के लिए अब समान कानून हैं। प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद के कारण ही हम उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी समान कानूनों का प्रावधान किया था। उत्तराखंड देवभूमि है, हमारा राज्य गंगा, यमुना, चार धामों, आदि कैलाश, संतों का प्रदेश है। उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक घर का सदस्य सेना में है। देश के हर स्थान में देवभूमि का युवा, मां भारती की सेवा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ हमारी सनातन संस्कृति की विशालता का एक प्रतीक सूत्र है।
महाकुंभ के अवसर पर सभी महान संतों का आशीर्वाद मिलना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारी सनातन संस्कृति सदैव समरसता और समानता की संभावक रही है। सनातन संस्कृति हम सबको समानता का अधिकार देना सिखाती है। सनातन संस्कृति की प्रेरणा से राज्य सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता न्याय और समानता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। देवभूमि उत्तराखंड से समान नागरिक संहिता की यह गंगा अवश्य ही संपूर्ण देश में जाएगी। यह समान कानून देश को दिशा दिखाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा यूसीसी प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को भी पूरा करती है। यह हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने 2022 में दिल्ली में श्रद्धा वॉकर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद इस प्रकार की घटना पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा अब हमारी बेटियों के साथ कोई भी ऐसा अपराध नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में सभी राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा।
उत्तराखंड जैसा दिव्य स्थान कोई नहीं : आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि उत्तराखंड जैसा दिव्य स्थान कोई नहीं है। मुख्यमंत्री सभी संतों के प्रिय हैं। भारत के सभी संत धामी के साथ हैं। छोटा राज्य होने के बाद भी उत्तराखंड सबसे बड़ा बन गया है, जिसमें समान नागरिक संहिता सबसे पहले लागू हो गई है। धामी ने यूसीसी लागू करके भारत को बल दिया है। अब उत्तराखंड के साथ अन्य राज्य भी यूसीसी लागू करने की ओर कदम बढ़ाएंगे। उत्तराखंड ने समाज में भेदभाव को खत्म कर दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वो भारतीय परंपराओं के प्रति कितने संवेदनशील है। हम सभी संत अत्यंत गौरवान्वित हैं कि हम जिस राज्य से आते हैं, जहां हम रहते हैं, जो हमारी जन्मभूमि, कर्मभूमि है, उस राज्य के मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू करके दिखा दिया है। यूसीसी कि कमेटी ने स्वयं जाकर साधु-संतों से भी संवाद किया था। हमारे देश के सभी साधु संत मुख्यमंत्री धामी के सम्मान के लिए यहां उपस्थित हैं। अब दूसरे राज्यों में भी मुख्यमंत्री धामी के कारण यूसीसी लागू होगा।
उपासक धामी ने उत्तराखंड की सेवा का संकल्प लिया : स्वामी चिदानंद मुनि महाराज
स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि चार धामों, देवभूमि, मां गंगा, मां यमुना ने मुख्यमंत्री श्री धामी को चुना है। प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की भूमि से विशेष प्रेम है। उपासक धामी ने उत्तराखंड की सेवा का संकल्प लिया है। धामी ने समान नागरिक संहिता की मांग को पूरा करके भारत माता का मान बढ़ाया है। उत्तराखंड को जो लोग बदलने की सोचते थे उन सब पर धामी ने नकेल कसी है। धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करके सर्व समाज की बात की है। इस देश में आत्ममंथन करके जो अमृत आया, वो समान नागरिक संहिता है। उन्होंने कहा यूसीसी लागू करके धामी ने भारत के लिए एक नई राह दिखाई है।