सौरभ शर्मा मामले में बड़ा अपडेट: धनकुबेर के खिलाफ चार्जशीट ही पेश नहीं कर पाई लोकयुक्त, मिली जमानत लेकिन जेल से नहीं आएगा बाहर, आखिर क्यों

Update: 2025-04-01 17:12 GMT
सौरभ शर्मा मामले में बड़ा अपडेट

सौरभ शर्मा मामले में बड़ा अपडेट

  • whatsapp icon

Big update in Saurabh Sharma case: भोपाल में चल रहे हाईप्रोफाइल सौरभ शर्मा केस में बड़ा मोड़ आया है। भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में घिरे पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा को आखिरकार जमानत मिल गई है। करोड़ों रुपये के सोने-चांदी की जब्ती के इस मामले में सौरभ शर्मा के साथ चेतन सिंह और शरत जयसवाल को भी लोकायुक्त की विशेष अदालत ने जमानत दे दी। लोकायुक्त की ओर से 60 दिन में चालान पेश न किए जाने के कारण अदालत ने यह राहत प्रदान की। विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र ने जमानत के आदेश जारी किए, वहीं लोकायुक्त की धीमी कार्रवाई पर कोर्ट ने गहरी नाराज़गी भी जताई।

लोकायुक्त केस में मिली जमानत, लेकिन ED केस में फंसे आरोपी

हालांकि, लोकायुक्त के भ्रष्टाचार मामले में सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरत जयसवाल को जमानत मिल गई है, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में जमानत न मिलने के कारण तीनों अभी भी जेल में ही रहेंगे। गौरतलब है कि 28 मार्च को 60 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक चालान पेश नहीं किया गया है। कोर्ट ने लोकायुक्त की इस धीमी कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

10 अप्रैल है अहम तारीख

लोकायुक्त मामले में जमानत मिलने के बाद अब सभी की नजरें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के केस पर टिकी हैं। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 10 अप्रैल तक चालान पेश करना अनिवार्य है। अगर ईडी इस तारीख तक चालान पेश नहीं कर पाती है, तो सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरत जयसवाल को इस मामले में भी जमानत मिल सकती है। ऐसे में 10 अप्रैल तीनों आरोपियों के लिए जेल से बाहर निकलने का मौका साबित हो सकता है।

ग्वालियर पुलिस की FIR से खुला था बड़ा मामला

सौरभ शर्मा की गिरफ़्तारी ग्वालियर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफ़आईआर से शुरू हुई, जिसने पूरे मामले को जन्म दिया। यह मामला लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) समेत कई जांच एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई का नतीजा था। सभी एजेंसियों ने सौरभ शर्मा की अवैध संपत्ति और काली कमाई के स्रोतों की गहन जांच शुरू की। सौरभ शर्मा का नाम तब सुर्खियों में आया जब ग्वालियर पुलिस ने उनके खिलाफ़ मामला दर्ज किया और जांच का दायरा बढ़ता चला गया।

जांच एजेंसियों का शिकंजा

सौरभ शर्मा केस में कई एजेंसियां अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सौरभ शर्मा की संपत्तियों और मनी ट्रेल की तह तक जाने की कोशिश कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसने यह संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की या नहीं। दूसरी तरफ आयकर विभाग सौरभ के दोस्त चेतन की कार से मिले 52 किलो सोने और 11 करोड़ रुपये की जांच में जुटा है।

लोकायुक्त यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि सौरभ शर्मा ने अपनी घोषित आय से ज़्यादा संपत्ति कैसे अर्जित की। वहीं राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) इस बात की जांच कर रहा है कि बरामद सोना वैध तरीके से अर्जित किया गया था या अवैध तरीके से। साथ ही, एक कॉलोनी के निर्माण में काला धन खपाने का कनेक्शन भी एजेंसियों की जांच के दायरे में आया है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है।

जीतू पटवारी ने लोकायुक्त पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सौरभ शर्मा को जमानत दिलवाने के बाद लोकायुक्त की कार्यवाही पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने इस कदम को #AprilFoolsDay के रूप में लिया और कहा कि यह घटना मध्य प्रदेश में भाजपा और आर्थिक अपराधियों के बीच संबंधों की नई कहानी बयां करती है। पटवारी का आरोप है कि लोकायुक्त ने जानबूझकर मामले को लंबा खींचा और सत्ता के दबाव में काम किया, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने भाजपा और लोकायुक्त के बीच गहरे संबंधों की ओर भी इशारा किया।

Tags:    

Similar News