सीजीएसटी रिश्वत मामला: अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI को अन्य आरोपियों की तलाश
CGST Bribery Scam
CGST Bribery Scam : रायपुर। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) के अधीक्षक भरत सिंह और उनके ड्राइवर विनय राय को 5 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के मामले में सीबीआई की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। सोमवार को दोनों आरोपियों को विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि जांच में कुछ और लोगों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। इन व्यक्तियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है और इसके आधार पर सीबीआई ने न्यायिक रिमांड बढ़ाने की अपील की, जिसे विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार कर दोनों आरोपियों की रिमांड 28 फरवरी तक बढ़ा दी है।
इस मामले की शुरुआत 31 जनवरी को हुई, जब सीबीआई ने वीआईपी रोड के पास ड्राइवर विनय राय को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। विनय राय से मिली जानकारी के बाद सीबीआई ने सीजीएसटी दफ्तर पर दबिश दी और वहां अधीक्षक भरत सिंह को भी गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि एक व्यक्ति ने रिश्वत के लेन-देन में मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी, जिसकी तलाश सीबीआई की टीम कर रही है।
ये है पूरा मामला
सीबीआई के अनुसार, सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28 और 29 जनवरी को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापेमारी की थी। इस दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। इसके बाद एक व्यक्ति ने इस मामले को रफादफा कराने के लिए मध्यस्थता की थी। सीबीआई को इस लेन-देन की सूचना मिली, जिसके बाद 31 जनवरी को सीबीआई ने अपने जाल बिछाकर ड्राइवर विनय राय को रंगे हाथों पकड़ लिया। विनय राय की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भरत सिंह को भी गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान कुछ और व्यक्तियों और एक मध्यस्थ का नाम सामने आया है। सीबीआई अब इन व्यक्तियों की तलाश कर रही है और यह मामला जांच के तहत है। इस केस में सीबीआई ने न केवल रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को पकड़ा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कुछ लोग सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार फैलाने के लिए सक्रिय थे।