CG News: साय सरकार किसानों की समृद्धि के लिए करेगी काम, किसानों की आय भी होगी दोगुनी
रायपुर,स्वदेश। राज्य सरकार ने प्रदेश में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने और किसानों व पशुपालकों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने सोमवार को मंत्रालय महानदी भवन में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने डेयरी विकास, पशु उत्पादकता संवर्धन, पशु प्रजनन और पशु पोषण को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजना के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की। दिसंबर 2024 में राज्य सरकार और के बीच हुए समझौते के बाद छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
पांच करोड़ का हो रहा निवेश
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता में तैयार पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के छह जिलों को शामिल किया गया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए।
रोजाना 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन
बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन मिनिष शाह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन करने के बाद, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों से दूध की गुणवत्ता जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। बायोगैस और बायो-फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से पशुपालकों की अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ेंगे, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, संचालक पशुपालन रिमिजियूस एक्का सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।