धर्मशाला। धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय राइजिंग हिमाचल इन्वेस्टर मीट के समापन अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश व विदेशों से आए निवेशकों से हिमाचल में दिल खोलकर निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निवेश के लिए एक बेहतर माहौल है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निवेशकों के लिए एक अच्छा माहौल तैयार हुआ है। इसी तरह अब हिमाचल ने भी अन्य राज्यों की तर्ज पर ग्लोबल इन्वेस्टर मीट करवाकर 93 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए हैं, जो आने वाले समय में प्रदेश की तस्वीर बदल देंगे।
अनुराग ने कहा कि हिमाचल के लोग ईमानदार होने के साथ ही मेहनती और काम करने की क्षमता रखते हैं। प्रदेश में निवेशकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एयर कनेक्टिविटी के अलावा रेल और सड़क के क्षेत्र में काम चल रहा है। प्रदेश में नए एनएच और फोर लेन के साथ ही चार नई रेल लाइनों का काम चल रहा है। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि यहां निवेश करने वालों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह से सजग है। उन्होंने सरकार से आह्वान किया निवेशकों को निवेश करने के लिए कोई परेशानी न आए, इसके लिए उन्हें 6 माह के भीतर सभी मंजूरियां दी जाएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय आर्थिक दृष्टि से समृद्ध देश के पांच प्रमुख राज्यों में से एक है तथा नया निवेश आने से यह और भी आगे बढ़ेगा।
अनुराग ने कहा कि हिमाचल में उद्योगों को लाने के लिए पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सबसे पहले औद्योगिक पैकेज दिया था। इसके बाद राज्य में बाहर से निवेश आना शुरू हुआ था। उन्होंने देश में मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ रहे डिजिटल लेन देन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले एक माह के भीतर 900 मिलियन डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए हैं, जोकि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देश प्लास्टिक कंरसी की ओर अग्रसर हो रहे हैं जबकि भारत कागज के नोटों से डिजीटल लेन देन की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में काफी तजबूत है तथा अगले एक साल में जीडीपी के सात प्रतिशत तक पंहुच जाने का अनुमान है।
इससे पूर्व राज्य के मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने दो दिनों के मीट के दौरान हुए सत्रों तथा निवेश के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मीट में 92819 करोड़ के 614 एमओयू साइन हुए हैं।