नईदिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों को स्थगित कर दिया गया है। टूर्नामेंट के आयोजन के स्थगित हो जाने से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को इस सीजन में करीब 2000 करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। वहीं इसकी वजह से भारत सरकार के खजाने को भी करीब 600 करोड़ रुपये की चपत लगने की आशंका बन गई है।इतना ही नहीं अगर जल्दी ही देश में कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सका, तो इसकी वजह से इस साल भारत की भूमि पर होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के आयोजन पर भी खतरा मंडरा सकता है। अगर भारत से टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छिन गई, तो इससे भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। जिसका एक असर भारतीय खजाने को टैक्स के रूप मैं होने वाली एक बड़ी राशि के नुकसान के रूप में भी नजर आएगा।
जानकारों के अनुसार अभी तो आईपीएल के बाकी मैचों को स्थगित किया गया है, लेकिन इसके रद्द होने की भी काफी संभावना है। अगर ये मैच रद्द हो जाते हैं तो इससे बीसीसीआई को तो नुकसान होगा ही, भारत सरकार को भी टैक्स रेवेन्यू के रूप में बड़ा झटका लगेगा। आईपीएल से क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को होने वाली कमाई का एक हिस्सा टैक्स रूप में भारत के खजाने को मिलता है। 2007-08 के बाद से अभी तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 3500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि टैक्स के रूप में अदा की है। अगर आईपीएल के बाकी मैच रद्द कर दिए जाते हैं तो स्वाभाविक रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भारी नुकसान होगा। बीसीसीआई को नुकसान होगा तो वो भारत सरकार के खजाने में टैक्स रेवेन्यू के रूप में भारी भरकम राशि भी जमा नहीं कर सकेगी। जिससे देश के राजस्व संग्रह पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
आईपीएल की हिस्सेदारी 5 हजार करोड़ -
आपको बता दें कि फिलहाल वर्ल्ड क्रिकेट इकोनॉमी लगभग 15000 करोड़ रुपये की है। इसमें सिर्फ आईपीएल की ही हिस्सेदारी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है। यानी वर्ल्ड क्रिकेट इकोनॉमी में अकेले आईपीएल की हिस्सेदारी ही 33 फीसदी की है। यही कारण है कि आईपीएल को बीसीसीआई के अलावा दुनिया के सभी क्रिकेट खेलने वाले देशों का समर्थन मिला हुआ है आईपीएल के कारण कई देशों के खिलाड़ी खाली समय में अच्छी कमाई कर रहे हैं। लेकिन कोरोना संकट के कारण जिस ढंग से आईपीएल के मैचों को अभी स्थगित करना पड़ा है और आगे उन्हें रद्द करने की आशंका बन गई है, उससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ ही दूसरे देश से आकर खेलने वाले खिलाड़ियों को भी भारी आर्थिक झटका लगने की आशंका बन गई है।