मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े चीनी रैकेट का खुलासा

छापे में 40 बैंक खातों में 10 अरब रुपये जमा होने का पता चला दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में 21 परिसरों पर छापे मारे गए

Update: 2020-08-12 04:46 GMT
रैकेट में कई चीनी नागरिक, भारतीय सहयोगी, बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट शामिल

नई दिल्ली। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े चीनी रैकेट का खुलासा हुआ है। हवाला लेन-देन के सिलसिले में एक हजार करोड़ से ज्यादा के हवाला ट्रांजैक्शन का पता चला है जो शेल कंपनियों के जरिए हो रही थी। इस रैकेट में कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी, बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट आदि शामिल थे। यह लोग हांगकांग और अमेरिकी डॉलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेन-देन में शामिल हैं।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों ने मंगलवार को धनशोधन (मनी लांड्रिंग) और हवाला लेन-देन के सिलसिले में दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में चीनी नागरिकों, उनके भारतीय सहयोगियों के 21 परिसरों पर छापे मारे। इस दौरान 40 बैंक खातों में 10 अरब रुपये जमा होने का पता चला। कार्रवाई के दौरान इनकम टैक्स विभाग को पता चला कि चीनी लोगों के कहने पर करीब 40 बैंक अकाउंट डमी इकाइयों के नाम पर खुलवाए गए। इन एकाउंट्स में करीब 1000 करोड़ रुपये क्रेडिए किये गए हैं। छापे के दौरान एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किये जाने की भी खबर है जिसके पास से फर्जी पासपोर्ट भी मिला है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है।

जांच के दौरान यह भी पता चला है कि चीनी कंपनियों की सहायक कंपनियों और संबंधित लोगों ने इन शेल कंपनियों के जरिए भारत में फर्जी बिजेनस करने के नाम पर करीब 100 करोड़ रुपये का एडवांस लेकर इन पैसों के जरिए हवाला का कारोबार किया गया है। इस काम में कई भारतीय बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल पाए गए। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार चीनी कंपनियों की एक सहयोगी इकाई और इससे संबंधित लोगों ने यह रकम भारत में फुटकर (रिटेल) कारोबार के शोरूम खोले जाने के नाम पर ली थी।

सीबीडीटी ने अपने बयान में कहा है कि आयकर विभाग ने 1,000 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चलाने के मामले में कुछ चीनी नागरिकों और उनके भारतीय साथियों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की है। इसमें कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी फर्जी कंपनियों के सहारे मनी-लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार में शामिल हैं। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक़ यह एक बहुत बड़ा रैकेट है जो फर्जी कंपनियों के आधार पर हवाला का कारोबार कर रहा था। यह भी पता चला है कि कुछ चीनी व्यक्ति और उनके भारतीय सहयोगी हांगकांग और अमेरिकी डॉलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेन-देन में शामिल हैं।

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