Bhopal News: अरावकर ने किया समविचारी विद्यालय शैक्षिक सम्मेलन 2025 को संबोधित, कहा शिक्षा का उद्देश्‍य समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना होना चाहिए...

Update: 2025-01-18 18:30 GMT

MP News: भोपाल। शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना होना चाहिए। छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, सांस्‍कृतिक और सामाजिक चेतना की शिक्षा देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह बात विद्याभारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्‍थान के सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर ने कही। वे शनिवार को शारदा विहार आवासीय विद्यालय में विद्या भारती मध्यभारत द्वारा आयोजित प्रांतीय समविचारी विद्यालय शैक्षिक सम्मेलन 2025 को मुख्‍य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

शिक्षा दर्शन और जीवन दर्शन के समन्वय पर दिया जोर

 अरावकर ने शारदा विहार आवासीय विद्यालय में आयोजित प्रांतीय समविचारी विद्यालय शैक्षिक सम्मेलन 2025 के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा दर्शन और जीवन दर्शन के समन्वय को आवश्यक बताया और समविचारी विद्यालयों में हो रहे नवाचारों को अन्य विद्यालयों और समाज में साझा करने की अहमियत पर जोर दिया।

अरावकर ने सरस्वती शिशु मंदिरों में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और पंचपदी शिक्षण पद्धति एवं पंचकोशीय विकास के महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर शुल्‍क विनियमक आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कान्‍हेरे ने अध्यक्षता की।

 समविचारी विद्यालयों की भूमिका पर चर्चा

प्रांतीय समविचारी विद्यालय शैक्षिक सम्मेलन 2025 में विद्याभारती मध्यक्षेत्र के क्षेत्र संगठन मंत्री भालचंद रावले, मध्यभारत प्रांत के प्रांत संगठन मंत्री निखिलेश महेश्वरी, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान भोपाल के अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता, और सचिव शिरोमणि दुबे ने विशेष रूप से भाग लिया।

कार्यक्रम संयोजक चंद्रकांत त्रिपाठी ने सम्मेलन की भूमिका रखते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन समविचारी विद्यालयों के साथ विचार-विमर्श के उद्देश्य से किया गया था, ताकि शिक्षा के माध्यम से श्रेष्ठ नागरिकों के निर्माण, राष्ट्रीय चरित्र के विकास और भारतीय संस्कृति के संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन ग्राम भारती मध्यभारत प्रांत के प्रांत प्रमुख चंद्रहंस पाठक ने किया।

सम्‍मेलन में विविध प्रमुख विषयों पर गहन विचार-विमर्श

समविचारी विद्यालय शैक्षिक सम्मेलन में प्रमुख विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन में शिक्षकों और विद्यालय प्रमुखों ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पंचकोशीय विकास की पद्धति (शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक) पर चर्चा की। इसके अलावा, भारतीय संस्कृति के संवर्धन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन, आत्मनिर्भरता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

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