कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा का कटाक्ष, कहा- हिंसा की आड़ में भ्रष्टाचार छुपाने का है प्रयास

Update: 2022-06-15 12:29 GMT

नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) ने बुधवार को कहा कि यह साबित हो गया है कि कांग्रेस केवल एक परिवार की पार्टी है। यह साफ है कि कांग्रेस में पद और कद कोई महत्व नहीं रखता है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस हिंसा की आड़ लेकर भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास कर रही है। 

भाजपा प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य सरकारों का काम छोड़कर विगत तीन दिनों से दिल्ली में क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि क्या ये उन राज्य सरकारों में जिन्होंने कांग्रेस को लोकतांत्रिक तरीके से चुना था, उनके साथ ये धोखा नहीं है ? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आज न कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और ना नेता प्रतिपक्ष हैं, वो केवल एक सांसद हैं। बावजूद, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के यहां रुके रहने से यह प्रमाणित हो रहा है कि कांग्रेस में पद और कद दोनों का कोई महत्व नहीं है, ये केवल और केवल परिवार की पार्टी है ये साबित हो गया है। 

पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार - 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज लगातार तीसरे दिन मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रहा है। इसके विरोध स्वरूप कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पर एतराज जताते हुए भाजपा नेता ने कहा कि सत्ता में रहते हुए सत्ताधारी पार्टी के ऊपर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप आजादी के बाद से लग चुके हैं। परंतु अपनी पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार, पार्टी की संपत्ति और धन का हरण कर लेना यह कांग्रेस का विचित्र उदाहरण है। यह विषय यूपीए सरकार के दौरान 1 नवंबर 2012 को प्रारंभ हुआ। इस विषय पर सरकार की किसी भी एजेंसी द्वारा कार्रवाई नहीं हुई, हाइकोर्ट के निर्देश के बाद कार्रवाई हुई और हाइकोर्ट के निर्देश पर ही उन्हें जमानत लेनी पड़ी। 

हिंसा की आड़ लेकर भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास - 

त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस हिंसा की आड़ लेकर भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास कर रही है, ये कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का छोटापन दिखा रहा है। इससे साफ है कि ये साफ दिख जाता है कि गांधी के दौर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक आते-आते कांग्रेस कितनी छोटी, कितनी बौनी होती चली जा रही है, जिस पार्टी के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने सरकार में रहते हुए अपने को ही भारत रत्न आत्मार्पित कर लिया था। उसी परिवार के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सहयोग से बनी हुई संस्था की सारी संपत्ति और धन अपने को अर्पित कर लिया।

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