राहुल के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने उठाये सवाल, कहा- बताए किस संदर्भ में दिया कथन

Update: 2021-02-24 14:34 GMT

नईदिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत की राजनीति वाले बयान पर भाजपा से लेकर कांग्रेस नेताओं ने भी सवाल खड़े कर दिए।हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से लेकर कपि सिब्बल तक सभी ने परोक्ष रूप से असहमति जाहिर की है। कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी के बयान पर परोक्ष रूप से असहमति जाहिर करते हुए कहा है कि राहुल को खुद यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया था।

कपिल सिब्बल ने इस प्रकरण पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के मतदाता बहुत बुद्धिमान हैं। उन्हें पता है कि किस पार्टी और किस उम्मीदवार को वोट देना है। मतदाताओं को यह भी पता है कि वे किसी उम्मीदवार को वोट क्यों दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं सोचते कि कांग्रेस पार्टी देश के किसी भी क्षेत्र के मतदाता का अपमान कर सकते हैं। हमें मतदाताओं के फैसले का सम्मान करना चाहिए और उनकी बुद्धिमत्ता का अपमान नहीं करना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ही यह बता सकते हैं कि उन्होंने किस संदर्भ में अपना बयान दिया था।

आनंद शर्मा ने खड़े किये सवाल - 

वहीं, आनंद शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने किसी अनुभव के आधार पर टिप्पणी की है, इसमें किसी क्षेत्र के अपमान की बात कहीं नहीं दिखती। वैसे राहुल के इस बयान के पीछे का मंतव्य क्या था, इसका स्पष्टीकरण वे ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि वो बस इतना कह सकते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देश को एक समझा है। पार्टी ने कभी क्षेत्र, भाषा और धर्म के आधार पर लकीर नहीं खींची।

अमेठी के मातदाता के कृतज्ञ -

अमेठी की बात को लेकर आनंद शर्मा ने कहा कि वहां के मतदाताओं के हम कृतज्ञ हैं। अमेठी की जनता से लंबे समय तक राजीव गांधी को चुनकर संसद भेजा। फिर राहुल गांधी भी तीन बार वहीं से चुने गए। पूरी कांग्रेस पार्टी अमेठी के मतदाताओं का सम्मान करती है। उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे, जबकि केरल के वायनाड से विजयी हुए थे।

ये दिया था बयान -

राहुल गांधी ने मंगलवार को केरल में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह लंबे समय से उत्तर भारत से संसद के लिए चुने गये हैं और दक्षिण भारत (वायनाड) आए हैं। उनका आकलन है कि दक्षिण भारत के मतदाता सतही मुद्दों के बजाय वास्तवित और महत्वपूर्ण मुद्दों को महत्व देते हैं तथा उन पर गहराई से विचार करते हैं।





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