नई दिल्ली। देश भर में लॉकडाउन का लोग सही तरह से पालन करें इसके लिए मिलिट्री की सहायता ली जाए और इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है और कहा गया है कि कोरोना वायरस का प्रकोप दिन ब दिन बढता जा रहा है ऐसे में लॉकडाउन का सही तरह से पालन हो इसके लिए प्रत्येक राज्यों में मिलिट्री की तैनाती का निर्देश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि लोगों के मौलिक अधिकार की रक्षा की जाए और इसके लिए गाइडलाइंस तय किया जाना जरूरी है। देशभर के विभिन्न स्थानों पर सरकार के रोक के बावजूद लोग कई जगह पर इकट्ठा हुए हैं उन मामलों की सीबीआई और एनआईए से जांच कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लोगों की जान बचाने में विफल हो रही हैं।
कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रहा है, बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा हो रहें हैं। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में बिहार-यूपी के प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर गए थे और हजारों की संख्या में आनंद बिहार में एकत्र हो गए थे। राज्य सरकार ने उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वहीं, निजामुद्दीन इलाके में मरकज में हजारों लोग इकट्ठा हुए।
पीएम ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी और तमाम ऐसी घटना सामने आ रही है कि लोग एकत्र हो रहे हैं। मसलन मुंबई, गुजरात और तेलंगाना में लोग लॉकडाउन के बावजूद एकत्र हुए हैं। इस तरह लोगों द्वारा लॉकडाउन के दौरान एक साथ एकत्र होने से देशभर मे कोरोना की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन राज्यों में कोरोना की संख्या सबसे ज्यादा है और केस तेजी से डबल हो रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर लॉकडाउन तोड़ा जा रहा है।
याचिका में ये भी कहा गया है कि इसके अलावा हेल्थ सेक्टर के अधिकारियों और कर्मियों पर लगातार अटैक किया जा रहा है। जो लोग इलाज के दौरान क्वारंटीन हैं, वो भागने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे में इन जगहों पर पुख्ता सुरक्षा की जरूरत है। ऐसे में उचित संख्या में आर्म्ड फोर्स की तैनाती जरूरी है। हॉटस्पॉट्स में हॉस्पिटल स्टाफ, सोशल वर्करों और पुलिस पर अटैक का खतरा है। ऐसे में मिलिट्री की तैनाती जरूरी है।
लॉकडाउन के दौरान हिंसा की गई है। इन मामलों की एनआईए या फिर सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। कई लोगों ने इस दौरान जो हरकत की है वह देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा अपराध है। ऐसे में सिर्फ एफआईआर दर्ज करना काफी नहीं है, बल्कि कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है।