नईदिल्ली। 72 वें गणतंत्र दिवस के उल्लास में विघ्न बनी ट्रेक्टर रैली हिंसा के आरोपियों पर मुकदमे दर्ज होने के बाद सभी धरना स्थलों पर भगदड़ मची हुई है। वहीँ किसान संगठन भी एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए इससे अलग होते जा रहे है। दिल्ली पुलिस द्वारा कार्रवाई कर हिंसा को लेकर 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जिसमें रैली का आह्वान करने वाले 37 किसान नेताओं के नाम भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर करने के साथ ही 93 लोगों को गिरफ्तार एवं 200 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस की इस कार्यवाही का असर गाजीपुर धरना स्थल पर बुधवार को देखने को मिला। कार्रवाई होने के डर से ज्यादातर किसान अपने-अपने घरों को वापस लौट गए, इसलिए धरना स्थल लगभग खाली ही दिखाई दिया।
मंच का संचालन नहीं हुआ -
आज सुबह करीब 10.30 बजे गाजीपुर धरना स्थल पर नवदीप के लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि देने के बाद मंच का संचालन भी बंद कर दिया गया। यहां मौजूद कुछ किसानों ने दबी जुबान में बताया कि मंगलवार रात को यहां अफवाह फैल गई थी कि सुबह यहां फोर्स पहुंच जाएगी और परेड निकालकर दंगा करने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसी कार्रवाई के डर से अधिकतर किसान रातों-रात यहां से अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। गाजीपुर धरना स्थल पर मौजूद कुछ किसान नेताओं का कहना था कि ट्रैक्टर हादसे का शिकार हुए रुद्रपुर, उत्तराखंड के किसान नवदीप डिबडिबा का बुधवार को अंतिम संस्कार होना था, इसलिए ज्यादातर किसान उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने गए हैं। नवदीप को मंच से श्रद्धांजलि देने के बाद आज मंच का संचालन भी नहीं किया गया।
गाजीपुर धरना स्थल से हटे कई लंगर -
पुल के साथ बने कई लंगर भी वहां से हटा लिये गए हैं। किसान मीडिया से बातचीत करते हुए पूरे आंदोलन को कमजोर करने के लिए यह सरकार की ही चाल बता रहे थे। बॉर्डर पार करने के बाद गाजियाबाद की सीमा में लगे किसानों के टेंट भी कम ही दिख रहे थे। जहां टेंट लगे भी थे, वहां कुछ किसान आराम कर रहे थे। इन किसानों का कहना था कि उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर एमएसपी पर बिल लाने की गारंटी नहीं देती तब तक वह यहां से जाने वाले नहीं हैं। वहां मौजूद किसानों का यह भी कहना था कि जो कुछ हुआ, वह अच्छा नहीं हुआ। वह इसकी आलोचना करते हैं।
धरना स्थल के पास ट्रॉली तो मौजूद लेकिन ट्रैक्टर गायब -
गाजीपुर धरना स्थल के पास बुधवार को अजीब नजारा देखने को मिला। यहां धरना स्थल के पास किसानों के रहने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियां तो मौजूद थीं, लेकिन उनके ज्यादातर ट्रैक्टर गायब थे। रातों-रात ट्रैक्टरों को वहां से हटा लिया गया था। एक नौजवान किसान ने बताया कि मार्च में शामिल हुए ट्रैक्टर चालकों को लगता है कि पुलिस ट्रैक्टर से उनकी पहचान कर लेगी। इसलिए कुछ लोगों ने जानबूझकर अपने ट्रैक्टर वहां से हटा दिए हैं। अलबत्ता गाजीपुर पुल के पास कुछ ट्रैक्टर जरूर दिखाई दिए।