नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल ने आसमान में दिखाई ताकत, हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता
नईदिल्ली। भारत ने शुक्रवार को सुपरसोनिक आकाश-एनजी (न्यू जेनरेशन) मिसाइल का 48 घंटे के भीतर सफलतापूर्वक दूसरा परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर, ओडिशा तट से किया। हथियार प्रणाली का परीक्षण सभी मौसम क्षमता को साबित करने वाले खराब मौसम की स्थिति के बीच किया गया था। नई पीढ़ी की वायु रक्षा प्रणाली आकाश-एनजी का तीन दिनों के भीतर दूसरा परीक्षण भी पूरी तरह सफल रहा।
नई पीढ़ी की आकाश-एनजी मिसाइल का आज 11.45 बजे ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया, जिसमें मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं। यह परीक्षण उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ किया गया, जिसे मिसाइल ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। मिसाइल प्रणाली को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया है।
रक्षा प्रवक्ता के अनुसार आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इज़ाफ़ा करने वाली साबित होगी। दो दिन के परीक्षणों में उत्पादन एजेंसियों भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने भी भाग लिया। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों की एक टीम ने परीक्षण देखा। उड़ान परीक्षण ने स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ मिसाइल से युक्त संपूर्ण हथियार प्रणाली के कामकाज को मान्य किया है। हथियार प्रणाली की सभी मौसम क्षमता को साबित करने वाले खराब मौसम की स्थिति के बीच परीक्षण किया गया था।