जहांगीरपुरी हिंसा में ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग केस, अंसार की होगी जांच

Update: 2022-04-23 09:08 GMT

नईदिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्य आरोपित मोहम्मद अंसार समेत संदिग्धों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर), ईडी की पुलिस प्राथमिकी के समकक्ष, संघीय एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दायर की गई है। 

वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गुरुवार को हाल ही में ईडी को पत्र लिखकर एजेंसी से जांच की मांग की थी। पुलिस आयुक्त ने मामले में अपने अधिकारियों द्वारा किए गए प्रारंभिक निष्कर्षों और उनके द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का हवाला दिया था। अधिकारियों ने कहा कि ईडी का मामला पुलिस की इन शिकायतों के आधार पर है। 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती में शोभा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव समेत हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिस कर्मी समेत नौ लोग घायल हो गए थे। 

दिल्ली पुलिस के अनुसार झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी की घटना में कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। जहांगीरपुरी के बी-ब्लॉक निवासी मोहम्मद अंसार (35) को हिंसा के पीछे मुख्य आरोपित बनाया गया है। शुरूआती जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कुछ वित्तीय लेन-देन हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं जिन्हें कथित तौर पर जुए के पैसे से खरीदा गया था। ईडी से सभी आरोपितों से पूछताछ करने और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच करने की उम्मीद है। 

इसे मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान आरोपित की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है। जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस अब तक दो नाबालिग समेत 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। अंसार समेत पांच आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के कड़े प्रावधान किए गए हैं। पुलिस के अनुसार अंसार का हनुमान जयंती में शोभा यात्रा में भाग लेने वालों के साथ बहस हुई थी। जिसके बाद पथराव होने के बाद हिंसक रूप ले लिया।

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