
दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली: देश में राजनीतिक पार्टियों की आय के मामले में देश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सबसे आगे हैं। 2023-24 के दौरान देश की प्रमुख छह पार्टियों की आय में से दोनों पार्टियों की आय 95 प्रतिशत रही है। जबकि चंदा पाने के मामले में भाजपा सबसे आगे रही है।
भाजपा को इस दौरान 2243 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की आय इस दौरान 170 प्रतिशत बढ़कर 1225 करोड़ रुपये हो गई। 2022-23 में कांग्रेस पार्टी की आय 452 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कांग्रेस को 281 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा मिला है।
इसमें करीब 250 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी भाजपा को मिले चंदे से ज्यादा है। यह स्थिति तब है, जब कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बाहर है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देश की प्रमुख छह पार्टियों की कुल आय 5821 करोड़ रुपये रही। इसमें चुनावी चंदे की हिस्सेदारी 2544 करोड़ रुपये रही है। यानि चुनावी चंदे के अलावा भी इन पार्टियों को काफी पैसा अन्य स्रोतों से आ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस की आय इस दौरान 5565 करोड़ रुपये रही है। भारतीय जनता पार्टी की इस दौरान आय 4340 करोड़ रुपये रही, जिसमें 2243 करोड़ रुपये का चंदा है। जबकि कांग्रेस की कुल 1225 करोड़ रुपये की आय में 281.48 करोड़ रुपये का चंदा भी शामिल है।
हाल ही में जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की आय इससे पिछले साल 2022-23 के 1979 करोड़ रुपये से बढ़कर 4340 करोड़ रुपये पहुंच गई है। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की आय में इस साल जबरदस्त उछाल आया है।
पार्टी की आय 2022-23 के 452 करोड़ रुपये के मुकाबले 1225 करोड़ रुपये पहुंच गई। एडीआर की इस रिपोर्ट में केरल में सत्ता में काबिज सीपीआई (एम) की आय 167 करोड़ रुपये बताई गई है। जबकि बीएसपी को 64 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।
आम आदमी पार्टी ने आय से 50 प्रतिशत अधिक खर्च किया
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दिल्ली में चुनाव हारी आम आदमी पार्टी ने उसकी आय से 50 प्रतिशत खर्चा ज्यादा किया है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल की पार्टी की कुल आय 22.68 करोड़ रुपये रही, जबकि उसने खर्चा 34 करोड़ रुपये से ज्यादा का किया। केजरीवाल की पार्टी पर लोगों से भ्रष्टाचार में मिले पैसे को कर्ज़े के तौर पर दिखाने का आरोप भाजपा लगा चुकी है।
आम आदमी पार्टी को इस साल 11 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जबकि इससे पिछले साल (2022-2023) उसे 37 करोड़ रुपये चंदे में मिले थे।
दिल्ली से मिला सबसे ज्यादा चंदा
इस रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावी चंदा देने में दिल्ली सबसे आगे है। कुल 2544 करोड़ रुपये के चंदे में से दिल्ली ने राजनीतिक पार्टियों को 989 करोड़ रुपये दिए हैं। जबकि गुजरात दूसरे नंबर पर है। यहां से राजनीतिक दलों को 404 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इसके बाद देश की आर्थिक राजधानी वाले राज्य महाराष्ट्र का नंबर है। इस राज्य ने राजनीतिक दलों को 334 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।