अमेरिकी टैरिफ और मंदी के खतरे ने शेयर बाजारों में मचाई तबाही: एक ही दिन में विदेशी निवेशकों ने 9 हजार करोड़ के शेयर बेचे…

दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों की वजह से पूरी दुनिया में आर्थिक भूचाल आ गया है। अमेरिका में मंदी के खतरे और इसके दुनियाभर पर असर की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी पड़ा है। भारत में भी आज के दिन को "ब्लैक मंडे" कहा जा रहा है। जब शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक बीएसई 2.95 प्रतिशत से ज्यादा गिरा। जबकि निफ्टी में 3.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट इतनी बड़ी थी कि इसमें निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट मेटल, रिएलिटी, ऑटो, वित्त और आईटी संबंधी शेयरों में हुई है।
विदेशी निवेशकों ने की भारी बिकवाली
शेयर बाज़ार से विदेशी निवेशक लगातार फंड निकाल रहे हैं। सोमवार को एक ही दिन में विदेशी निवेशकों ने 9000 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है। जबकि फरवरी में विदेशी निवेशकों ने पूरे महीने में 12 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। दरअसल, अमेरिका में बॉंड में निवेश ज्यादा फायदेमंद हो गया है। साथ ही अमेरिका में निवेश ज्यादा सुरक्षित भी है। इसी वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं।
विदेशी बाज़ारों में भी भारी गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजारों में भी जोरदार गिरावट देखी जा रही है। अमेरिकी शेयर बाज़ार भी खुलते ही धड़ाम हो गए। डो जोंस 1600 अंक यानी 4.24 अंक से ज्यादा गिर गया। जबकि एएंडपी का सूचकांक भी 4 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया है।
कौन कौन से शेयरों में गिरावट
इससे पहले निफ्टी सुबह खुलते ही पांच प्रतिशत से ज्यादा गिर गया, इससे पहले मोदी सरकार को उम्मीद से कम समर्थन मिलने की वजह से 4 जून 2024 को भी शेयर बाजार में 7 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट हुई थी। सबसे ज्यादा गिरावट टाटा मोटर्स 5.5 प्रतिशत, भारत फोर्ज 7 प्रतिशत और इंफोसिस 3.7 प्रतिशत की गिरावट रही।
और नीचे गिर सकता है भारतीय बाजार
बाजार विशेषज्ञ दिनशॉ ईरानी ने बताया कि दुनियाभर के बाजारों में यह उथल पुथल टैरिफ को लेकर नहीं है, बल्कि इस बात को लेकर है कि कोई देश दूसरे देश के आयात निर्यात को कैसे बराबर कर सकेगा। इसकी वजह से आने वाले समय में अमेरिका दूसरे देशों से कैसे व्यापार करेगा, इसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। इसकी वजह से दुनियाभर के उत्पादन पर असर पड़ेगा और सप्लाई चेन में बाधा आएगी। उन्होंने कहा कि अभी बाजार कितना और नीचे जाएगा, इसका अंदाजा नहीं है। लिहाजा थोड़ा कैश लेकर बैठना ही ठीक है। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर डिफेंसिव ट्रेडिंग करना ही अच्छा विकल्प है।