किसान आंदोलन दोबारा होगा तेज, 22 से संसद के बाहर करेंगे प्रदर्शन

Update: 2021-07-10 11:19 GMT

नईदिल्ली। देश में कृषि कानूनों के विरोध में बीते आठ माह से चल रहा किसान आंदोलन दोबारा तेज होना शुरू हो गया है। इस मामले में सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। हालांकि कृषि मंत्री कई बार कह चुके है की सरकार किसानों से चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन किसान आंदोलन को समाप्त करते नजर नहीं आ रहे है। 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज एक बार फिर किसान आंदोलन को दोबारा तेज करने के संकेत दिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 22 जुलाई को 200 किसानों का एक दल संसद के पास जाकर धरना देगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर तीनों कृषि कानूनों पर बातचीत करना चाहती है तो किसान बातचीत को तैयार हैं। टिकैत ने कहा कि सरकार अपने शर्तों पर बातचीत करना चाहती है। यह बात किसानों को मंजूर नहीं है अगर सरकार खुले मन से किसानों से बात करना चाहती है तो शर्त न रखे।

यूएन में जाने पर दी सफाई - 

टिकैत ने कहा कि उनके बारे में एक अफवाह फैलाई जा रही है कि उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के मुद्दे को यूएन में उठाने की बात कही है। टिकैत ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है यह खबर निराधार है।

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