फ़्रांस की रक्षामंत्री का ऐलान, जरुरत पड़ने पर भारत को और राफेल देने के लिए तैयार
अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून के महत्वपूर्ण मुद्दों पर फ्रांस और भारत के विचार समान
नईदिल्ली। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश भारत को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। भारत-प्रशांत एक बहुत विस्तृत क्षेत्र है और चीन के साथ संबंधों में तनाव के कारण इस बड़े क्षेत्र के पूर्वी हिस्से पर राजनीतिक ध्यान अधिक है। फ्रांस और भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून के महत्वपूर्ण मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं। फ्रांस इंडो पैसिफिक में पड़ोसी देशों के साथ बहुपक्षीय संबंधों को विकसित करना चाहता है। इस रणनीति के केंद्र में भारत है।
भारत की यात्रा पर आईं फ्लोरेंस पार्ली ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापक वार्ता से पहले एक थिंक टैंक के साथ यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन अधिक आक्रामक हो रहा है और चीन सागर में यह मुद्दा और भी विशिष्ट हो जाता है। फ्रांस और भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं। भारत-प्रशांत एक बहुत विस्तृत क्षेत्र है और चीन के साथ संबंधों में तनाव के कारण इस बड़े क्षेत्र के पूर्वी हिस्से पर राजनीतिक ध्यान अधिक है। इंडो पैसिफिक भी हिन्द महासागर से बना है और इसमें कोई शक नहीं कि भारत इस क्षेत्र का केंद्र है। फ्रांस इंडो पैसिफिक में पड़ोसी देशों के साथ बहुपक्षीय संबंधों को विकसित करना चाहता है।
फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ अच्छे संबंध विकसित करने का फैसला किया है। अफगानिस्तान की स्थिति पर उन्होंने कहा कि यह फ्रांस और भारत दोनों के लिए चिंता का विषय है। हर कोई जानता है कि इंडोपैसिफिक में कई देशों की आर्थिक सुरक्षा के लिए कुछ जलमार्ग महत्वपूर्ण हैं। कोई भी खुद को समुद्री कानून को बायपास करने का हकदार नहीं मानता। हमें साइबर, अंतरिक्ष, समुद्री और हवाई डोमेन जैसे वैश्विक कॉमन्स तक पहुंच बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हम फ्रांस और भारत को एक विशेष साझेदारी के दो ध्रुवों के रूप में नहीं बल्कि सहयोग के एक नेटवर्क के मूल के रूप में देखते हैं।
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि उनका देश भारत को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। भारत ने लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। कोरोना महामारी के बावजूद 36 में से 33 राफेल जेट पहले ही निर्धारित समय पर भारत पहुंचाना फ्रांस की उपलब्धि है। थिंक टैंक के साथ एक सवाल के जवाब में पार्ली ने कहा कि भारतीय वायुसेना अपने राफेल से संतुष्ट है। फ्रांसीसी मंत्री ने भारत के दूसरे विमानवाहक पोत विक्रांत को अगले साल नौसेना में शामिल करने की योजना का उल्लेख करते हुए संकेत दिया कि फ्रांस वाहक-आधारित जेट की आपूर्ति में रुचि रखेगा।