नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई महीने से लगातार तनाव की स्थिति कायम है। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अप्रैल महीने की शुरुआत वाली यथास्थिति कायम नहीं हो पा रही है। ऐसे में भारत ने भी चीन को और घेरने की रणनीति बना ली है। भारत ने चुपचाप साउथ चाइना सी में अपना यु्द्धपोत तैनात कर दिया है। चीनी इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की उपस्थिति पर आपत्ति जताता रहा है, जहां वह कृत्रिम द्वीपों और सैन्य उपस्थिति के माध्यम से 2009 से अपनी उपस्थिति में काफी विस्तार कर चुका है।
भारतीय नौसेना ने पिछले माह जब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर युद्धाभ्यास शुरू किया था, तब पहले से ही दो अमेरिकी सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास करके चीन को हिन्द महासागर में घेरने का संदेश दे रहे थे। इसके अलावा अमेरिकी नौसेना ने अपने विध्वंसक और फ्रिगेट तैनात किए थे। दक्षिण चीन सागर में तैनाती के दौरान भारतीय युद्धपोत लगातार अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ संपर्क बनाए हुए थे। रूटीन ड्रिल के हिस्से के रूप में भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों के सैन्य जहाजों की आवाजाही की स्थिति के बारे में अपडेट किया जा रहा था। इसी बीच किसी भी सार्वजनिक चकाचौंध से बचने के लिए भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तैनाती के पूरे मिशन को बहुत ही गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तत्काल तैनाती का चीनी नौसेना और सुरक्षा प्रतिष्ठान पर काफी प्रभाव पड़ा और उन्होंने भारतीय पक्ष के साथ राजनयिक स्तर की वार्ता के दौरान भारतीय युद्धपोत की उपस्थिति के बारे में भारतीय पक्ष से शिकायत की। सूत्रों ने बताया कि भारतीय युद्धपोत लगातार वहां मौजूद अमेरिका के युद्धपोतों से लगातार संपर्क बनाए हुए थे।
वहीं, नियमित अभ्यास के दौरान, भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों के सैन्य जहाजों की आवाजाही की स्थिति के बारे में अपडेट किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक चकाचौंध से बचते हुए पूरे मिशन को बहुत ही शानदार तरीके से किया गया था। लगभग उसी समय, भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का जलडमरूमध्य में अपने सीमावर्ती जहाजों को तैनात किया था और चीनी नौसेना की किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रखी थी। कई चीनी जहाज लौटते समय मलक्का जलडमरूमध्य से गुजरते हैं।
इसीलिए भारतीय नौसेना ने युद्धाभ्यास के समय से ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का स्ट्रेट्स में चीनी नौसेना की गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपने फ्रंटलाइन जहाजों के अलावा कई युद्धपोतों, पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट तैनात कर रखे हैं। दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तैनाती से चीनी नौसेना में बेचैनी का माहौल है। चीन ने कूटनीतिक वार्ता के दौरान भारत से दक्षिण चीन सागर में भारतीय युद्धपोत की तैनाती किये जाने का मुद्दा भी उठाया था। अमेरिकी युद्धपोत की तैनाती के समय भी चीनी नौसेना ने ऐतराज जताते हुए दावा किया था कि दक्षिणी चीनी सागर का अधिकांश हिस्सा उसके क्षेत्र में आता है। भारतीय नौसेना अब अंडरवाटर जहाजों, अन्य मानवरहित सिस्टमों और सेंसरों को तुरंत हासिल करके तैनात करने की योजना बना रही है। इसके अलावा भारतीय नौसेना जिबूती इलाके के आसपास मौजूद चीनी जहाजों पर भी नजर बनाए रखे हुए है।