भारत ने चीन पर लिए कई सख्त फैसले, दोनों देशों के कारोबार में आई इतनी गिरावट

Update: 2020-09-09 05:14 GMT

नई दिल्ली। गलवान में झड़प के बाद भारत ने चीन पर कई सख्त फैसले लिए। मोबाइल ऐप की पाबंदी, निवेश पर रोक के लिए नियमों में बदलाव, तमाम वस्तुओं पर शुल्क में बढ़ोतरी समेत कई बड़े निर्णय शामिल हैं। इनका असर भी दिखने लगा है। इस साल जुलाई तक भारत में चीनी आयात लगभग एक-चौथाई गिर चुका है। पहले सात महीने में कुल व्यापार में 18.6 फीसदी तक की गिरावट आई है।

भारत ने चीन के 118 मोबाइल ऐप पर बीते दिनों पाबंदी लगा दी। इनमें पबजी समेत कई लोकप्रिय ऐप थे, जिनका भारत में सालाना कारोबार हजारों करोड़ रुपये था। पबजी के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार था। उसके कुल डाउनलोड का 24 फीसदी अकेले भारत में किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, उसका करीब 8.4 करोड़ डॉलर का राजस्व भारत से आता था।

सरकार ने खिलौने, फर्नीचर, चप्पल जैसे 89 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। साथ ही 47 अरब डॉलर के 150 उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, साइकिल, एयरकंडीशनर, खिलौने, प्रेशर कुकर समेत तमाम उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर चीन पर पड़ेगा। क्योंकि इन उत्पादों का ज्यादातर आयात चीन से होता था।

सरकार ने वस्तुओं के आयात से जुड़ा रूल्स ऑफ ओरिजिन नियम लागू कर दिया है। इसके बाद चीन अब वियतनाम, इंडोनेशिया और थाइलैंड जैसे देशों के रास्ते भारत में सामान नहीं भेज सकेगा। खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने और एफटीए में भागीदार देश के जरिये किसी तीसरे देश के उत्पादों की डंपिंग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद तमाम केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने चीनी उत्पादों की खरीद-बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। रक्षा मंत्रालय की कैंटीन में अब सिर्फ भारत में निर्मित उत्पाद मिलने लगे हैं। परिवहन मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने निर्देश जारी किया है कि उनके विभाग में अब चीन से जुड़ा कोई सामान नहीं आएगा। देश में विभिन्न मंत्रालयों की एक कमेटी बनाई गई है, जो चीनी कंपनियों या उनकी तकनीक का विकल्प तलाशेगी। वाणिज्य मंत्रालय भी चीनी कंपनियों से दूरी बनाने में जुट गया है। विभिन्न देशों में स्थित भारतीय मिशनों से संपर्क कर निर्यात की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। करीब 1100 उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं जिनकी सूची सभी मंत्रालयों- राज्य सरकारों के साथ साझा की गई है।

केंद्र सरकार ने जनरल फाइनैंशियल नियम, 2017 में बदलाव कर भारत के पड़ोसी देशों की ओर से सरकारी खरीद में बोली लगाने वालों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बदलाव का सबसे बड़ा असर चीन पर पड़ेगा। क्योंकि इस नियम के तहत अब किसी भी काम में बोली लगाने से पहले कंपनी को डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड में पंजीकृत कराना होगा। साथ ही विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय से राजनीतिक व सुरक्षा मंजूरी लेनी जरूरी होगी। चीन की कंपनियों के लिए यह मंजूरी लेना काफी मुश्किल होगा।

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