महामारी से उबरने पर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगी
नई दिल्ली/वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया भारत को लेकर आशान्वित है। एक वैश्विक संगठन ने कहा है कि भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि कठिन कोरोना काल के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने कैसे वापसी की है।
प्रधानमंत्री मोदी आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूरत में सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा तैयार किये जा रहे लड़कों के छात्रावास का भूमि पूजन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर शिक्षा को समाज के सशक्तिकरण का माध्यम बताते हुए कहा कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज ने विजयादशमी पर एक पुण्य कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस पहल से सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज युवाओं को एक नई दिशा देगा और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि छात्रावास भवन में लगभग 1500 छात्रों के लिए आवासीय सुविधा होगी। इसमें एक सभागार और छात्रों के लिए एक समर्पित पुस्तकालय भी तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण में अगले साल से करीब 500 लड़कियों के ठहरने के लिए छात्रावास का निर्माण शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि एनईपी देश की शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण कर रही है। इसके तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रम मातृभाषा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि गांवों के गरीब छात्र भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, अब भाषा पढ़ाई में कोई बाधा नहीं बनेगी।
उन्होंने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक स्किल को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है।"
एक वैश्विक संगठन का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी से उबरने के बाद भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा, "कोरोना के कठिन समय के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने जितनी तेजी से वापसी की है, उससे पूरा विश्व भारत को लेकर आशा से भरा हुआ है। अभी हाल में एक विश्व संस्था ने भी कहा है कि भारत फिर दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।" उहोंने आगे कहा कि आज भारत के स्टार्टअप दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राम का अनुसरण करने का अर्थ मानवता का अनुसरण करना है। इससे सभी नकारात्मक शक्तियां हार जाती हैं और अज्ञानता दूर होती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि बापू ने गुजरात की धरती से ही रामराज्य की कल्पना की थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए कहा कि हमें सरदार पटेल का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने कहा था कि जाति और संप्रदाय विकास में बाधा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है। हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए, परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सार्वजनिक जीवन के 20 साल पूरे होने का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई जाति-आधारित राजनीतिक या वंशवादी पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद, मैं सरकार का मुखिया रहा हूं। उन्होंने कहा कि लोगों के आशीर्वाद के कारण पहले गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में और अब प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहा हूं।
गुजरात के मुख्यमंत्री काल को याद करते हुए कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' का सामर्थ्य क्या होता है ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के 25 साल के सार्वजनिक जीवन की सराहना करते हुए कहा कि ये हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है कि भूपेंद्र भाई, एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो टेक्नोलॉजी के भी जानकार हैं और जमीन से भी उतना ही जुड़े हुए हैं। अलग-अलग स्तर पर काम करने का उनका अनुभव, गुजरात के विकास में बहुत काम आने वाला है।
उल्लेखनीय है कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज 1983 में स्थापित एक पंजीकृत ट्रस्ट है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों का शैक्षिक और सामाजिक परिवर्तन है। यह छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद करता है और उन्हें उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।