लोन मोरेटोरियम पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा - "ब्याज में छूट नहीं दे सकते, लेकिन पेमेंट का दबाव कम कर देंगे

Update: 2020-09-03 11:11 GMT

नई दिल्ली। लॉकडाउन में आरबीआई की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने और ब्याज में छूट देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलील रख रहे हैं। उन्होंने कहा, "ब्याज में छूट नहीं दे सकते, लेकिन पेमेंट का दबाव कम कर देंगे। बैंकिंग सेक्टर इकोनॉमी की रीढ़ है। हम अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला कोई फैसला नहीं ले सकते।"

बता दें कि लोन मोरेटोरियम यानी कर्ज की किश्त को कुछ महीनों के लिए टालने की छूट...आरबीआई ने कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन को देखते हुए मार्च में 3 महीने के लिए यह सुविधा दी थी, फिर 3 महीने और बढ़ाकर अगस्त तक कर दी गई।

दरअसल, अब जब मोरेटोरियम के 6 महीने पूरे हो चुके हैं, तो ग्राहक कह रहे हैं कि इसे और बढ़ाना चाहिए। इससे भी अहम मांग ये है कि मोरेटोरियम पीरियड का ब्याज भी माफ होना चाहिए। क्योंकि, ब्याज पर ब्याज वसूलना तो एक तरह से दोहरी मार होगी। इसकी वजह ये है कि आरबीआई ने सिर्फ ईएमआई टालने की छूट दी थी, लेकिन बकाया किश्तों पर लगने वाला ब्याज तो चुकाना पड़ेगा।

Tags:    

Similar News