लोकसभा में 18 घंटे 48 मिनट बाधित हुई कार्यवाही, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
नईदिल्ली। सत्रहवीं लोक सभा के सातवें सत्र की बैठक बुधवार को तय अवधि से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने शीतकालीन सत्र के समापन की घोषणा करते हुए कहा कि 29 नवंबर से शुरू इस सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें हुईं जो 83 घंटे 12 मिनट तक चलीं। शीतकालीन सत्र में कार्य के लिए आवंटित कुल समय में से व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ हुआ तथा कामकाज भी सदन की मंशा के अनुरूप नहीं हो सका।
बिरला ने सदन के समक्ष शीतकालीन सत्र के दौरान कामकाज का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि सत्र के आरंभ में सदन के तीन नए माननीय सदस्यों ने 29 और 30 नवंबर को शपथ ली । इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्यों का निपटारा किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुन: स्थापित किए गए तथा 9 विधेयक पारित हुए। इसमें कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2021, केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक (संशोधन), 2021,दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन विधेयक (संशोधन), 2021 और निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 महत्वपूर्ण है।
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि 20 दिसंबर को पारित वर्ष 2021-22 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों-दूसरे बैच पर चर्चा और मतदान 04 घंटे और 49 मिनट तक चला। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गये । 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की पूरी सूची को कवर किया गया।
बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 344 लोक हित के विषय सदन के समक्ष प्रस्तुत किए । शून्य काल के दौरान सभा में अविलंबनीय लोक महत्व के 563 मामलों को भी उठाया गया। दिनांक 09 दिसंबर को सदन में देर तक बैठकर 62 माननीय सदस्यों ने शून्य काल के तहत अपने विषय सभा के समक्ष रखे। इनमें से 29 महिला सदस्य थीं। सत्र के दौरान संसदीय समितियों द्वारा सभा में 44 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को बताया कि मंत्रियों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 50 वक्तव्य दिए गए, जिनमें माननीय संसदीय राज्य मंत्री द्वारा सरकारी कार्य से संबंधित 3 वक्तव्य शामिल हैं। सत्र के दौरान विभिन्न मंत्रियों द्वारा 2658 पत्रों को सभा पटल पर रखा गया। उन्होंने बताया कि सदन में देश में 'कोविड-19 वैश्विक महामारी' और 'जलवायु परिवर्तन' के संबंध में दो अल्पकालिक चर्चाएँ भी की गईं। 'जलवायु परिवर्तन' विषय पर चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है। बिरला ने कहा कि ''कोविड-19 वैश्विक महामारी'' पर 12 घंटे 26 मिनट तक चली चर्चा में कुल 99 माननीय सदस्यों ने भाग लिया जिसमें उन्होंने कोविड काल में अपने क्षेत्र में किए गए बेहतरीन कार्यों को सदन के साथ साझा किया।
दूसरी अल्पकालिक चर्चा ''जलवायु परिवर्तन'' पर थी, जिसमें अभी तक 61 माननीय सदस्यों ने अपने विचार रखे हैं। यह चर्चा अभी तक 6 घंटे 26 मिनट तक चली है।उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र की अवधि 29 नवंबर से 23 दिसंबर तय तय थी, किंतु बैठक एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।