तमिलनाडु/स्वदेश वेब डेस्क। देश में चल रही 'मीटू' मुहिम पर केंद्रीय मंत्री पॉन राधाकृष्णन ने कहा कि 'विकृत मानसिकता वाले लोगों' ने 'मीटू' मुहिम शुरू की है।
उन्होंने यह सवाल भी किया कि सालों पहले हुई घटनाओं पर अब आरोप लगाना कहां तक उचित है। बुधवार को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया। केंद्रीय जहाजरानी एवं वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा, 'यदि कोई आरोप लगाता है कि ऐसी चीज हुई जब घटना हुई उस वक्त हम पांचवीं कक्षा में एक साथ खेल रहे थे, तो क्या यह उचित होगा।' उन्होंने कहा, 'यह (मीटू मुहिम) विकृत मानसिकता वाले कुछ लोगों के बर्ताव का नतीजा है।' राधाकृष्णन ने कहा कि 'मीटू' मुहिम ने देश और महिलाओं की छवि खराब की है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुरुषों के लिए ऐसे ही आरोप लगाना सही रहेगा। उन्होंने कहा,'वह तो बड़ा अपमान होगा, क्या यह स्वीकार्य होगा।'
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए एम जे अकबर सहित कई नामी-गिरामी हस्तियों पर 'मीटू' मुहिम के तहत आरोप लगे हैं। उन पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले कई अखबारों के संपादक रह चुके अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बुधवार को उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 'मीटू' मुहिम के तहत अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, फिल्मकार सुभाष घई, लेखक चेतन भगत, गायक कैलाश खेर और तमिल गीतकार वैरामुथु सहित कई हस्तियों पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं।
It's a result of activities of some people with perverted minds. This corrupts purity of our land. This issue corrupts honour of women. If men will say the same thing about women what will happen? Is it acceptable? This is wrong: Union Minister Pon Radhakrishnan #MeToo (17.10) pic.twitter.com/A1YM93ZwVh
— ANI (@ANI) October 18, 2018