CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ दवा घोटाले में IAS अधिकारियों के नाम आए सामने! 400 करोड़ की धोखाधड़ी में बढ़ी जांच

Update: 2025-02-05 03:42 GMT

IAS Officers Involved in CGMSC Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में हुए करोड़ों रुपये के दवा खरीद घोटाले में अब तीन आईएएस अधिकारियों का नाम सामने आया है। एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने इन अधिकारियों को समन भेजकर उनसे पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता भी जांच में सामने आई है। 

इन आईएएस अधिकारियों को किया तलब 

मामले में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने आईएएस अधिकारी भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई को पूछताछ के लिए बुलाया है। साथ ही, मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया गया था, और फिलहाल वह पुलिस रिमांड पर हैं। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने उन्हें छह दिन की और रिमांड पर लिया है।

यह घोटाला अब तक का सबसे बड़ा दवा खरीद घोटाला माना जा रहा है, जिसमें 400 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। जांच एजेंसी ने इस मामले में मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था, और उनसे पूछताछ के बाद कई नए तथ्य सामने आए हैं।

सीजीएमएससी द्वारा बिना शासन की अनुमति के 411 करोड़ रुपये की खरीदी की गई थी, जिसमें कई दवाइयां और उपकरण बिना वास्तविक आवश्यकता के खरीदी गई थीं। इनमें से कुछ उपकरण 200 से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजे गए, जहां उनका कोई उपयोग नहीं हो सकता था।

वहीं, जांच में यह भी पाया गया कि मोक्षित कारपोरेशन से खरीदी गई EDTA ट्यूब की कीमत 2352 रुपये प्रति यूनिट थी, जबकि अन्य कंपनियां इसे केवल 8.50 रुपये में बेच रही थीं। इसके अलावा, सीजीएमएससी ने अधिक कीमत पर सीबीसी मशीनें खरीदीं, जो खुले बाजार में सस्ती दरों पर उपलब्ध थीं। इस तरह से शासन के साथ 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।

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