नईदिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं के लिए नाश्ते पर बैठक आयोजित की। बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद की ओर साइकिल मार्च किया। संसद में आगे की रणनीति पर विचार किया गया। विपक्षी नेताओं के साथ इस सप्ताह राहुल गांधी की यह दूसरी बैठक थी। इसमें इस बारे में भी विचार किया गया कि संसद के बाहर एक छाया संसद आयोजित की जाए।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस संबंध में एक ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाश्ते के बाद 11 राजनीतिक दलों के नेताओं ने संसद में और उसके बाहर भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों व अलोकतांत्रिक कार्यों के खिलाफ जमीनी स्तर पर एकजुट संघर्ष का फैसला किया। हम यहां कुछ खास होते देख रहे हैं।
साइकिल से संसद मार्च -
पिछले सप्ताह कांग्रेस नेता राहुल गांधी ट्रैक्टर के जरिए संसद पहुंचे थे। आज वह पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिए साइकिल से संसद पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कई विपक्षी नेता भी शामिल थे। विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज की आवश्यकता विपक्ष के एकजुट होने की है। लोगों की यह आवाज जितना ज्यादा संगठित होगी, उतना ही ज्यादा भारतीय जनता पार्टी की सरकार को इसे दबाना मुश्किल होगा।
ये दल हुए शामिल -
राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित बैठक में भाग लिया। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आईयूएमएल, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल कांग्रेस(एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल के नेताओं ने भाग लिया। दूसरी और बैठक में नहीं शामिल होने वाले आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि बैठक में शामिल होना महत्वपूर्ण नहीं है। जरूरी यह है कि संसद में जब भी इन विषयों पर चर्चा हो, हम किसानों के समर्थन में खड़े हों और खुफियागिरी के मुद्दे को उठाएं। बहुजन समाज पार्टी ने भी बैठक से दूरी बनाई।
कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दल लगातार संसद में सरकार से पेगासस खुफिया मामले और कृषि कानूनों पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर सरकार भी अपने पक्ष पर अडिग है और हंगामे के बावजूद दोनों सदनों की कार्यवाही चल रही है।