लद्दाख में तनाव को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को किया फोन
नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाने की बात दोहराते हुए दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर बात की। पुतिन और मोदी ने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि कोविड-19 के बावजूद दोनों देशों में संवाद बना रहा। मोदी और पुतिन में यह बातचीत ऐसे समय पर हुई है जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। हालांकि, अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि दोनों नेताओँ में चीन को लेकर भी कुछ बातचीत हुई या नहीं, लेकिन टाइमिंग को देखते हुए यह काफी अहम माना जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती देने में व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को लेकर शुक्रिया कहा। पीएम ने पुतिन को द्वीपक्षीय बातचीत के लिए भारत आने का न्योता दिया। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देश इस बातचीत के लिए तारीख तय करेंगे। पीएम ने पुतिन को एससीओ और ब्रिक्स सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए भी धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि चीन के साथ भारत की सामरिक रिश्ता बेहद मजबूत है। दूसरी तरफ चीन का रूस के साथ भी विवाद है। मॉस्को ने हाल ही में बीजिंग को एस-400 सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम की डिलिवरी को टाल दिया। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय पर उठाया गया जब चीन साउथ चाइना सी पर दावे सहित कई मुद्दों पर घिरा हुआ है। रूस और चीन रिश्तों में 2014 के बाद सुधार हुआ था, जब पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूस नए व्यापार और निवेश सहयोगियों की तलाश में पूर्व की ओर देखने को मजबूर हुआ। लेकिन एक बार फिर बीजिंग और मॉस्को के बीच दरार दिखने लगे हैं। हाल ही में रूस ने अपने एक आर्कटिक रिसर्च पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने संवेदनशील जानकारियां चीन को दे दी।