सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर मामले में लिया संज्ञान, उप्र सरकार से मांगी रिपोर्ट

Update: 2021-10-07 08:37 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने कल यानी 8 अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि आप पर आरोप ये है कि जांच सही नहीं हो रही है। आप बताएं कि कितने आरोपित हैं और कितनों की अभी गिरफ्तारी हुई है। मामले की सुनवाई कल यानी 8 अक्टूबर को जारी रहेगी। 

सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस ने कहा कि परसों दो वकीलों ने मुझे चिट्ठी लिखी थी। उनके नाम शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा हैं। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि दिवंगत लवप्रीत की मां बीमार हैं। कोर्ट ने लवप्रीत की मां को उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की वकील ने कहा कि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप कल तक स्टेटस रिपोर्ट दें और यह बताएं कि हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं की स्थिति क्या है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह भी बताएं कि किन-किन लोगों की मौत हुई है।

सीबीआई जांच की मांग - 

वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा था कि जिस तरीके से किसानों को टारगेट किया गया है, उसमें कोर्ट को दखल देना ही चाहिए। पत्र याचिका में कहा गया है कि कोर्ट समयबद्ध जांच का आदेश दे। पत्र याचिका में सीबीआई को जांच में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि लखीमपुर खीरी की घटना राज्य की कानून-व्यवस्था को दर्शाती है। याचिका में कहा गया है कि उप्र सरकार मृतकों को जीवन की गारंटी के अधिकार को संरक्षित करने में असफल रही है।

3 अक्टूबर को हुई हिंसा - 

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में दर्ज एफआईआर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को आरोपित किया गया है। आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसकी गाड़ी से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई। इस मामले में राजनीति गरम हो गई है और विपक्षी दलों के नेताओं का दौरा लगातार जारी है।देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा जताया।

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