लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने पर ट्विटर का जवाब पर्याप्त नहीं : संसदीय पैनल की प्रमुख
नई दिल्ली। लद्दाख को चीन के हिस्से के तौर पर दिखाने के संबंध में संसदीय समिति के सामने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर का स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं है और यह आपराधिक कृत्य की तरह है जिसके लिए सात साल जेल की सजा का प्रावधान है। समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को यह बात कही।
लेखी ने कहा कि ट्विटर के प्रतिनिधि डाटा सुरक्षा विधेयक, 2019 पर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए और लद्दाख को चीन के भूभाग के तौर पर दिखाने के लिए सदस्यों ने उनसे सवाल पूछे। लेखी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''समिति की सर्वसम्मत राय है कि लद्दाख को चीन के भूभाग के तौर पर दिखाने के संबंध में ट्विटर का स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं है।''
हालांकि उन्होंने कहा कि ट्विटर के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि सोशल मीडिया कंपनी भारत की भावनाओं का सम्मान करती है। लेखी ने कहा, ''यह केवल संवेदनशीलता का मामला नहीं है, यह भारत की संप्रभुता और अखंडता का मामला है, लद्दाख को चीनी भाग के तौर पर दिखाना आपराधिक कृत्य के समान है जिसके लिए सात जेल की सजा का प्रावधान है।''
ट्विटर इंडिया की ओर से समिति के सामने वरिष्ठ प्रबंधक, पब्लिक पॉलिसी शगुफ्ता कामरान, वकील आयुषी कपूर, पॉलिसी संचार अधिकारी पल्लवी वालिया और कॉरपोरेट सुरक्षा अधिकारी मनविंदर बाली पेश हुए। इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा कानून एवं न्याय मंत्रालय के अधिकारी भी समिति के सामने उपस्थित हुए।
इससे पहले, भारत सरकार ने देश का गलत मानचित्र दिखाने को लेकर ट्विटर को सख्त चेतावनी दी थी। सरकार ने कहा था कि देश की संप्रभुता और अखंडता का असम्मान करने का ट्विटर का हर प्रयास अस्वीकार्य है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने इस बारे में ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा। साहनी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रयास न सिर्फ ट्विटर की प्रतिष्ठा को कम करता है, बल्कि यह एक माध्यम होने के नाते ट्विटर की निष्पक्षता को भी संदिग्ध बनाता है।