केंद्रीय कैबिनेट ने गहरे समुद्र मिशन को दी मंजूरी, जलवायु परिवर्तन का होगा अध्ययन
नईदिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गहरे महासागर में जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, थर्मल ऊर्जा के स्रोत का पता लगाने के लिए अपतटीय समुद्री स्टेशन स्थापित करने से जुड़े मिशन को अपनी मंजूरी दे दी है।चरणबद्ध तरीके से लागू होने वाली इस योजना में अगले पांच वर्षों में 4,077 करोड़ रुपये का लागत खर्च आएगा। पहले तीन वर्षों के चरण के लिए करीब 2,823 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह भारत की ब्लू इकोनामी पहल को सहयोग प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के इस प्रस्ताव को आज मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस तरह की तकनीक और कौशल अब तक केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन जैसे देशों के पास ही मौजूद थी। अब भारत छठा देश बनने जा रहा है।मिशन के तहत गहरे समुद्र का सर्वे किया जाएगा। समुद्री बायोलॉजी को समझने के लिए आधुनिक मरीन स्टेशन तैयार किया जाएगा। थर्मल ऊर्जा की खोज के लिए एक अपतटीय समुद्री स्टेशन स्थापित किया जाएगा।