अहमदाबाद। राष्ट्रवादी कांग्रेस के महासचिव शंकर सिंह वाघेला ने अपने पद व पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी प्रमुख शरद पवार द्वारा गुजरात में अध्यक्ष पद पर जयंत पटेल की नियुक्ति वाघेला को रास नहीं आई। जिसके चलते उन्होंने राकांपा छोड़ दी। अस्थिर प्रवृत्ति के वाघेला की राजनीतिक यात्रा यूं तो काफी उठापटक वाली रही है लेकिन पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में सत्ता में भागीदार राकांप को वाघेला ने गुजरात में जरूर झटका दिया है। राकांपा से इस्तीफा देने के बाद वाघेला ने अपने ट्वीटर अकाउंट को बदलकर उसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में अपडेट किया है।
गौरतलब है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला ने पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर राकांपा का दामन थामा था। उन्हें राकांपा पार्टी का दमखम वाला पद राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
मुख्यमंत्री से केंद्र का सफर
गुजरात में क्षत्रिय नेता के रूप में अलग पहचान बनाने वाले शंकर सिंह वाघेला राजनीतिक तोड़फोड़ के लिए जाने जाते हैं। हवा का रूख देखकर राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने में उनका कोई जवाब नहीं। इसी के चलते 2017 में उन्होंने राज्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव हराने में विधायकों को दल-बदल कराने के अरोप में कांग्रेस से निष्काशित किया गया था। 1978 में जनसंघ से राजनीतिक शुरूआत करने वाले वाघेला ने गुजरात में भाजपा को उंचाई पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन 1995 में पार्टी सत्ता में आई और केशुभाई पटेल को जब मुख्यमंत्री बनाया तो वाघेला ने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय जनता पार्टी बनाकर कांग्रेस के समर्थन से प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। बाद में 2002 में वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2017 तक नेता विपक्ष के रूप में उनका गुजरात में सिक्का चलता रहा। यूपीए-1 में वाघेला केंद्र में मंत्री भी रहे हैं।