दुर्ग जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही: नहलाते समय बदले नवजात, माँ-बाप की पहचान के लिए होगा DNA टेस्ट

Update: 2025-02-06 09:22 GMT

Newborns Exchanged in Durg District Hospital : छत्तीसगढ़। दुर्ग जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही के चलते अस्पताल में जन्मे दो नवजात बदल गए हैं। जानकारी के अनुसार, स्टाफ द्वारा बच्चों को नहलाने के बाद बदल दिया गया है। अब दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने जांच समिति और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू को DNA टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि, जल्द ही डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ. साहू ने बताया कि बच्चा बदलने के मामले में गठित जांच समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है। समिति ने अपनी रिपोर्ट न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के सामने पेश की है। रिपोर्ट के अवलोकन के बाद समिति ने बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए डीएनए टेस्ट कराने का आदेश जारी किया है। सिविल सर्जन ने दोनों नवजात शिशुओं का मेडिकल चेकअप शिशुरोग विशेषज्ञ द्वारा कराया। जांच के बाद पाया गया कि दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और डीएनए टेस्ट किया जा सकता है। आज डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

ये है पूरा मामला 

दरअसल, बीते 23 जनवरी को दुर्ग जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड यूनिट में भर्ती शबाना कुरैशी और साधना सिंह दोनों ने बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे को नहलाने के बाद शबाना का बच्चा साधना को और साधना का बच्चा शबाना को सौंप दिया था। 3 दिन बाद जब शबाना डिस्चार्ज होकर घर पहुंची और बच्चे को नहलाते समय देखा तो साधना सिंह के नाम का चिट बच्चे के हाथ पर लगा हुआ था।

इसे देख शबाना ने पूरी बात अपने पति और परिजनों को बताई। इसके बाद जब शबाना और परिजन अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी दी तो साधना को इस विषय में अवगत कराया लेकिन अब साधना ने बच्चे के डीएनए टेस्ट और बच्चा बदलने की बात से साफ़ इंकार कर दिया है।

शबाना कुरैशी के भाई आमिर खान का कहना है कि जन्म के समय अस्पताल (Child DNA Test) की ओर से मां के साथ बच्चे की फोटो ली जाती है और वह फोटो बाद में परिजनों को दी जाती है। जो फोटो शबाना को दी गई है, उसमें बच्चे के चेहरे पर कहीं भी तिल का निशान नहीं है, जबकि उसे जो बच्चा दिया गया, उसके चेहरे पर तिल का निशान है।

जन्म में भी ज्‍यादा अंतर नहीं

सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू के मुताबिक, दोनों बच्चों के जन्म में 7 मिनट का अंतर है। 23 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) ने दोपहर 1:25 बजे बेटे को जन्म दिया। इसके बाद साधना सिंह ने दोपहर 1:32 बजे बेटे को जन्म दिया।

बता दें कि, अस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया गया और दोनों प्रसूताओं की बच्चे के साथ फोटो खींची गई। लेकिन इसके बाद भी बच्चा बदल गया।

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए शबाना कुरैशी के परिवार वाले एक दिन पहले जिला अस्पताल दुर्ग पहुंचे थे। उन्होंने नवजात को शबाना के साथ शिशु वार्ड में भर्ती करा दिया और कहा कि जब तक यह निर्णय नहीं हो जाता कि कौन सा बच्चा किसका है, वे जच्चा और बच्चा दोनों को डिस्चार्ज नहीं करवाएंगे।

शबाना के परिजनों का कहना है कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले में लापरवाही बरत रहा है। घटना (Child DNA Test) को इतने दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी को निलंबित तक नहीं किया गया है। न ही उस महिला पर दबाव बनाया जा रहा है, जो बच्चा देने के लिए तैयार नहीं है।

यहाँ देखिये आदेश की प्रति 

 

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