आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर, एडीबी ने वृद्धि दर को 7 फीसदी पर रखा बरकरार

एडीबी ने कहा कि इस वर्ष एशिया 4.2 फीसदी की दर से बढ़ेगा जबकि वर्ष 2023 में उसकी वृद्धि की दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है

Update: 2022-12-14 14:22 GMT

नईदिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, एडीबी ने एशिया की विकास की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कमजोर रहने का अनुमान जताया है। 

एडीबी ने बुधवार को जारी ताजा रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी, जिसकी वजह उसकी मजबूत घरेलू बुनियाद है। एडीबी ने चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी का अनुमान जताया है। एडीबी का ये ताजा अनुमान सितंबर के समान ही है। एशियाई विकास बैंक ने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए भी जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.2 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष एशिया 4.2 फीसदी की दर से बढ़ेगा जबकि वर्ष 2023 में उसकी वृद्धि की दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, एडीबी ने पहले इस वर्ष एशिया की वृद्धि दर 4.3 फीसदी और वर्ष 2023 में 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के बीच जीडीपी 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो सार्वजनिक खपत में 4.4 फीसदी के संकुचन को दर्शाता है जबकि वैश्विक स्तर पर नरमी के बावजूद निर्यात 11.5 फीसदी की दर से बढ़ा।रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। इससे पहले फिच सहित कई रेटिंग्स एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी।

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