नईदिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम के तहत चार बैंकों में 14500 करोड़ रुपये डालेगी। बिना ब्याज वाले बॉन्ड (जीरो कूपन बॉन्ड) के जरिये सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक आफ इंडिया और यूको बैंक को यह राशि दी जाएगी।
इन चार बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के साथ ही सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए उनमें पूंजी डालने के अपने ऐलान को पूरा कर दिया है। इसके पहले पिछले साल नवंबर में सरकार ने पंजाब और सिंध बैंक में 5,500 करोड़ रुपए डाले थे। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूती देने के लिए इस तरह उनके पुनर्पूंजीकरण करने के तरीके पर चिंता जता चुका है। इन चारों बैंकों में पूंजी डालने के लिए 6 अलग मैच्योरिटी पीरियड के जीरो कूपन बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए पात्र बैंकों के आवेदन के आधार पर स्पेशल सिक्यूरिटीज जारी की जाएगी। स्पेशल सिक्यूरिटीज की मैच्योरिटी पर पुनर्भुगतान किया जा सकेगा।
पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 4800 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक में 4100 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया में 3000 करोड़ रुपए और यूको बैंक में 2600 करोड़ रुपए डालेगी। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि इन स्पेशल सिक्योरिटीज पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। इसके पहले केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए ब्याज वाले बॉन्ड जारी किए थे। बताया जा रहा है कि पुनर्पूंजीकरण के बॉन्डों पर ब्याज का बोझ कम करने के लिए सरकार ने पिछले साल पंजाब एंड सिंध बैंक में 5,500 करोड़ रुपये पूंजी डालने के लिए जीरो कूपन बॉन्ड जारी करने का फैसला किया था।