इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन पर ना लें शुल्क, लौटाएं ग्राहकों का पैसा : वित्त मंत्रालय

Update: 2020-08-30 14:43 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि इलेक्ट्रॉनिक मोड से होने वाले लेनदेन पर कोई शुल्क ना वसूल किया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि उन्होंने ऐसा कोई शुल्क वसूल किया है तो लौटा दें। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मुताबिक, यह मुद्दा उठाया गया था कि कुछ बैंक UPI के जरिए होने वाले लेनदेन पर शुल्क वसूल कर रहे हैं। निश्चित संख्या में मुफ्त लेनदेन के बाद बैंक हर ट्रांजैक्शन पर शुल्क वसूल करते हैं।

रिलीज में कहा गया है, ''यह 30 दिसंबर 2019 के सर्कुलर नंबर 32/2019 का उल्लंघन है, जिसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने यह स्पष्ट करने के लिए जारी किया था कि पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (पीएसएस) एक्ट की धारा 10A के आधार पर 1 जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड से पेमेंट पर कोई भी शुल्क वसूल नहीं किया जाएगा, जिसमें मर्चेंट डिस्काउंट रेट शामिल है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने कहा कि इसलिए मंत्रालय ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि यदि उन्होंने 1 जनवरी 2020 से ग्राहकों से इलेक्ट्रॉनिक मोड से लेनदेन पर शुल्क वसूल किया है उसे तुरंत लौटा दिया जाए। साथ ही भविष्य में शुल्क नहीं लगाने को कहा है।

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