नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत देने वाली खबर है। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट 8.4 फीसदी रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को इससे संबंधित आंकड़ें जारी कर दिए हैं। एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी है। यह विकास दर सभी अनुमानों के मुताबिक ही रही। इस तरह लगातार चौथी तिमाही में जीडीपी यानी विकास दर में बढ़त दिखी है। अर्थव्यवस्था में सुधार का सबसे बड़ा कारण निजी खपत और निवेश में सुधार रहा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर काफी कम 8.4 फीसदी रही है, जो पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 20.1 फीसदी रही थी। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले यह काफी बेहतर है। क्योंकि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट -7.4 फीसदी रही थी।
7.9 फीसदी का था अनुमान -
उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान लगाया था कि दूसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7.9 फीसदी रह सकती है, जबकि इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 7.7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था। इसी तरह केयर रेटिंग्स ने दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.1 से 8.3 फीसदी तक की बढ़त का अनुमान लगाया था। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसदी पर ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया है।