नईदिल्ली। भारतीय बाजार में सोने की कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव का रुख बना हुआ है। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का फरवरी वायदा 144 रुपये की कमी के साथ 48,226 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ ही घरेलू सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद भारतीय सर्राफा बाजार के जानकार निकट भविष्य में सोने में तेजी आने की संभावना पर जोर दे रहे हैं। जानकारों का कहना है कि निवेशकों को सोने के मौजूदा भाव पर 47,700 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्टॉपलॉस लगाकर निवेश जारी रखना चाहिए।
कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में गोल्ड मार्केट में ओवरऑल तेजी के संकेत बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल सोना 1,835 डॉलर प्रति औंस की कीमत पर कारोबार कर रहा है। लेकिन अगले कुछ महीनों के दौरान इसके 2,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाने की उम्मीद की जा रही है। इसलिए अगले कुछ दिनों के दौरान सर्राफा बाजार में होने वाली किसी भी गिरावट को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिहाज से खरीदारी का अच्छा मौका समझना चाहिए।
मयंक एसोसिएट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक श्रीवास्तव के मुताबिक लंबे समय तक 1,760 से लेकर 1,835 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहने के बाद सोने की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नया ब्रेकआउट आता नजर आ रहा है। इस ब्रेकआउट की वजह से ग्लोबल मार्केट में जल्द ही सोने की कीमत 1,865 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच सकती है। वहीं इस वित्त वर्ष के अंत तक सोना उछलकर 1,890 से लेकर 1,910 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक भी पहुंच सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में अगर ऐसी उछाल आती है, तो भारतीय सर्राफा बाजार में भी सोना स्वाभाविक रूप से तेजी का रुख पकड़ सकता है। इसलिए अभी हल्की गिरावट में भी निवेशक सोने की खरीदारी करने की योजना बना सकते हैं।
इसी तरह धमीजा सिक्योरिटीज के प्रेसिडेंट शिवशंकर धमीजा का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर दबाव की स्थिति बन गई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही शेयर बाजार 2 हजार अंक से अधिक लुढ़क चुका है। इस सप्ताह के कारोबार के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जमकर बिकवाली की है। शुक्रवार को खत्म हुए सप्ताह के दौरान ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 15,563.72 करोड़ रुपये बिकवाली करके निकाल दिए हैं। इस जोरदार बिकवाली का असर रुपये की कीमत पर भी पड़ा है। धमीजा के मुताबिक अगर डॉलर के मुकाबले रुपये में और गिरावट आती है, तो विदेशी निवेशकों की कमाई में भी स्वाभाविक रूप से गिरावट आएगी। ऐसी स्थिति में ये निवेशक वैकल्पिक राह पर चलते हुए सोने में निवेश करने का तरीका अपना सकते हैं। इसकी वजह से भी सोने की कीमत में तेजी का रुख बन सकता है।
जानकारों का कहना है कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें जल्दी ही 48,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार करके 49,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकती हैं। हालांकि कीमत में ये तेजी एक झटके में होने की संभावना कम है। इस दौरान बाजार में बीच-बीच में मुनाफावसूली के कारण मामूली गिरावट भी आ सकती है। लेकिन इन गिरावटों को निवेश करने का सही मौका मानते हुए छोटी छोटी मात्रा में सोने में निवेश जारी रखना चाहिए।
शिवशंकर धमीजा का मानना है कि अगर भारतीय निवेशक 2 महीने तक सोने के निवेश में अपना पोजीशन कायम रख सके, तो अगले 1 से 2 महीने में वे सोने की 49,000 से लेकर 49,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक बिकवाली कर सकते हैं। हालांकि धमीजा का ये भी कहना है कि सोने में निवेश करने वाले निवेशकों को 47,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर स्टॉपलॉस लगाकर ही खरीदारी करनी चाहिए, ताकि विपरीत परिस्थितियों में किसी भी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े।