कर में बड़े सुधार, 75 साल या उससे अधिक उम्र के नागरिकों को नहीं भरना होगा रिटर्न

Update: 2021-02-01 06:45 GMT

नईदिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कर प्रणाली एवं वाद-विवाद प्रबंधन को और भी अधिक सरल बनाने तथा प्रत्‍यक्ष कर प्रणाली के अनुपालन को आसान बनाने की आवश्‍यकता पर बल दिया। आयकर में कोई नई छूट नहीं दी गई है।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने वरिष्‍ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की है। उन्‍होंने आयकर दाखिल करने की प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी लाने का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने विवाद समाधान समिति और फेसलेस (उपस्थिति रहित) आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल -आईटीएटी के गठन की घोषणा की। उन्‍होंने अप्रवासी भारतीयों को कर राहत प्रदान करने की बात कही और लेखा परीक्षा में छूट तथा लाभांश आय में राहत की घोषणा की।

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि कोविड महामारी के बाद एक नया विश्‍व हम सभी के सामने आएगा और भारत ऐसे में अग्रणी देश की भूमिका निभाएगा। उन्‍होंने कहा कि ऐसे परिप्रेक्ष्‍य में हमारी कर प्रणाली पारदर्शी और समर्थ होनी चाहिए, साथ ही यह निवेश को बढ़ावा देने वाली तथा देश में रोजगार उपलब्‍ध कराने वाली होनी चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा कि इन सभी के अलावा हमारी कर प्रणाली को करदाताओं के बोझ को कम-से-कम करना चाहिए। उन्‍होंने कहा‍ कि अर्थव्‍यवस्‍था और करदाताओं को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सुधारों की एक विस्‍तृत श्रृंखला शुरू की है। इन महत्‍वपूर्ण सुधारों में कॉरपोरेट टैक्‍स दर में कमी लाना, लाभांश वितरण कर को समाप्‍त करना और छोटे करदाताओं को अधिकतम छूट तथा राहत प्रदान करना शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्‍या 6.48 करोड़ रही, जबकि 2014 में यह संख्‍या 3.31 करोड़ थी।

वरिष्‍ठ नागरिकों को राहत

स्‍वतंत्रता के 75वें साल के बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्‍ठ नागरिकों को ज्‍यादा राहत प्रदान की गई है। ऐसे वरिष्‍ठ नागरिक जिन्‍हें पेंशन और ब्‍याज सहित आय प्राप्‍त होती है, उन्‍हें आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। उन्‍हें भुगतान करने वाला बैंक ही उनकी आय से आवश्‍यक कर की कटौती करके राशि अंतरित कर देगा।

अप्रवासी भारतीयों को कर राहत और लाभांश में छूट

स्‍वदेश लौटने वाले अप्रवासी भारतीयों के लिए आयकर से जुड़े कठिन प्रावधानों को सरल बनाने और विदेश से उनकी सेवानिवृत्ति होने के बाद भारत लौटने पर आय से संबंधित मुद्दों को आसानी से सुलझाने के लिए सरल नियमों का प्रावधान बजट में किया गया है। इनके अनुसार टीडीएस मुक्‍त लाभांश भुगतान आरईआईटी व आईएनवीआईटी को करने का प्रस्‍ताव किया गया है। विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए बजट में कम संधि दर पर लाभांश आय में कर कटौती का प्रस्‍ताव किया गया है। बजट में यह भी प्रावधान है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर की देयता लाभांश का भुगतान या उसकी घोषणा के बाद ही उत्‍पन्‍न होती है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि शेयरधारकों द्वारा अग्रिम कर भुगतान करने के लिए लाभांश आय की सही गणना नहीं की जा सकती।

सस्‍ते और किराये के घर

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सस्‍ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्‍याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा। सरकार द्वारा लोगों को सस्‍ते घर उपलब्‍ध कराने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्‍होंने सस्‍ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। प्रवासी मजदूरों के लिए किराये के सस्‍ते मकान उपलब्‍ध कराने के प्रावधान में वित्त मंत्री ने सस्‍ते किराये वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए कर राहत की नई घोषणा की है।

स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए कर लाभ

देश में स्‍टार्ट-अप्‍स को बढ़ावा देने और उन्‍हें लाभ पहुंचाने के लिए सीतारमण ने स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए कर छूट का दावा करने की समय-सीमा एक वर्ष और 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। इस आदेश के अनुसार स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए संदर्भित कोष में निवेश की पूंजी पर नियम आधारित छूट को प्राप्‍त करने के लिए समय-सीमा एक वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दी गई है।

श्रम कल्‍याण निधियों में नियोक्‍ता का अंशदान समय पर जमा करना

वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न कल्‍याण निधियों में नियोक्‍ताओं का अंशदान जमा करने में हुई देरी के कारण कर्मचारियों को ब्‍याज व आय की स्‍थायी हानि होती है। नियोक्‍ता द्वारा इन निधियों में कर्मचारी का अंशदान समय पर जमा करने के लिए वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि कर्मचारी का अंशदान देरी से जमा करने के बारे में नियोक्‍ता को कभी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आयकर कार्यवाही दोबारा शुरू करने के समय में कटौती

इस वर्ष का बजट अनुपालन का भार कम करने के लिए आयकर कार्यवाही मौजूदा छह साल से तीन साल करने के लिए समय-सीमा में कटौती का प्रावधान करता है। कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं, ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्‍य आयुक्‍त का अनुमोदन प्राप्‍त करना आवश्‍यक है।

डिजिटल लेन-देन के लिए कर लेखापरीक्षा सीमा बढ़ाई गई

डिजिटल लेन-देन करने को प्रोत्‍साहन देने और ज्‍यादातर लेन-देन को डिजिटल माध्‍यम से करने वाले व्‍यक्ति पर अनुपालन का भार कम करने के लिए बजट में कर लेखापरीक्षा की सीमा को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे व्‍यक्ति लाभान्वित होंगे जो 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्‍यम से करते हैं।

विदेशी निवेशकों के लिए प्रोत्‍साहन राशि

विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बजट में निजी निधि के व्‍यय से जुड़ी स्थितियों, वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रतिबंधों और विनिर्माण में सीधे निवेश से जुड़े नियमों को सरल बनाकर राहत प्रदान की गई है। आदेश के अनुसार विनिर्माण के लिए कोष इकट्ठा करने में जीरो कूपन बॉन्‍ड शुरू किया जाएगा। बजट में कर के तौर पर एक सक्षम जीरो कूपन बॉन्‍ड जारी करके धन जुटाने के तहत अधिसूचित बुनियादी ऋण निधि के लिए पात्र बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है।

अंतरराष्‍ट्रीय वित्त सेवा केन्‍द्र के लिए कर प्रोत्‍साहन राशि 

अंतरराष्ट्रीय वित्त सेवा केन्‍द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए बजट में कर प्रोत्‍साहन राशि की घोषणा की गई है। बजट के उपायों में एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों की आय से पूंजी इकट्ठा करने में कर की छूट, इस क्षेत्र के विदेशी व्‍यवसायियों को विमानों के लिए दिए जाने वाले किराये में कर की राहत, आईएफएससी में विदेशी निधियों के निवेश पर प्रोत्‍साहन राशि और आईएफएससी में स्थित विदेशी बैंक की शाखाओं में निवेश करने पर कर राहत प्रदान करना शामिल है।

छोटे न्‍यासों को राहत

शैक्षणिक संस्‍थान और अस्‍पताल चलाने वाले छोटे चैरिटेबल न्‍यासों पर आयकर का भार कम करने के लिए बजट में राहत की घोषणा की गई है। इसके तहत एक करोड़ रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की वार्षिक लेखा प्रविष्टियों पर राहत की सीमा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

पूर्ववर्ती आयकर दाखिला -

आयकर दाखिल करने को और आसान बनाने के लिए बजट में समय से पूर्व आयकर दाखिल करने की घोषणा की गई है। पूंजीगत निवेश की कमाई जैसे प्रतिभूतियों से आय, लाभांश आय, बैंकों और पोस्‍ट ऑफिस से मिलने वाला ब्‍याज इत्‍यादि इसमें शामिल हैं। मासिक आय, कर का भुगतान और स्रोत पर कर कटौती पहले से ही आयकर दाखिले में शामिल होते हैं। 

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