नईदिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) सितंबर महीने में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 3.1 फीसदी बढ़ा है।
सितंबर, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2.7 फीसदी बढ़ा है। इसके साथ ही सितंबर में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 8.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 फीसदी बढ़ा है, जबकि सितंबर, 2020 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक फीसदी रही थी।वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में आईआईपी में 23.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 20.8 फीसदी बढ़ा था। पिछले साल मार्च में कोविड-19 महामारी की वजह से औद्योगिक उत्पादन में 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी।
महंगाई में कोई राहत नहीं -
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को फिलहाल कोई राहत मिलता नहीं दिख रहा है। खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खुदरा महंगाई दर अक्टूबर महीने में मामूली बढ़कर 4.48 फीसदी हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर सितंबर में 4.35 फीसदी और अक्टूबर, 2020 में 7.61 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
खाद्य महंगाई दर अक्टूबर महीने में बढ़कर 0.85 फीसदी हो गई, जो इससे पिछले महीने में 0.68 फीसदी थी। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सीपीआई आधारित महंगाई दर को 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें ऊपर-नीचे दो फीसदी का विचलन हो सकता है।
2021-22 में 5.3 फीसदी का अनुमान -
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के अनुमानों के मुताबिक सीपीआई महंगाई दर वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3 फीसदी के करीब रहेगी। हालांकि, इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खुदरा महंगाई दर का 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है।