नई दिल्ली। अब होम लोन की ब्याज दरों को लेकर सरकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों और नॉन बैंकिंग हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के बीच कंपीटिशन छिड़ सकता है। कारण यह है कि अग्रणी सरकारी बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन की ब्याज दरें 6.7 प्रतिशत तक कम कर दी है। यह ईबीएलआर से जुड़ी दर है और उन्हीं ग्राहकों को यह दर ऑफर किया जाता है, जिनका सिबिल स्कोर 700 से ऊपर है।
यूनियन बैंक के एक शाखा प्रबंधक का कहना है कि उनके यहां नौकरी करने वाली महिला या पुरूषों को कम ब्याज दर पर होम लोन दिया जा रहा है। यदि कोई महिला नौकरी करती हो और उसका सिबिल स्कोर 700 से उपर हो तो उन्हें होम लोन 6.70 प्रतिशत पर मिलेगा। इसी तरह नौकरी करने वाले पुरूषों को 6.75 फीसदी पर होम लोन मिलेगा। जोन नॉन सेलेरिड हैं, उन्हें भी 6.90 प्रतिशत ब्याज पर होम लोन दिया जा रहा है।
दरअसल, इस समय बैंकिंग सिस्टम में करीब 8 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी है। इस नकदी को किसी भी तरह से उधारी देने के लिए ब्याज दरें कम की जा रही हैं। वैसे, आरबीआई ने पहले से ही रिवर्स रेपो की दरों में कमी कर इस पैसे को सिस्टम में लाया है। इससे बैंकों के पास अब इन पैसों को उधारी देने के लिए ब्याज दरों को कम करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
वर्तमान में एक्सिस बैंक के होम लोन की ब्याज दरें 7.70 प्रतिशत है। यह एमसीएलआर पर आधारित दरें हैं। जबकि बेस रेट पर आधारित होम लोन की दरें 8.80 प्रतिशत हैं। लेकिन एचडीएफसी बैंक की होम लोन की दरें 6.95 प्रतिशत है। इसके लिए आपका सिबिल का क्रेडिट स्कोर 780 और इससे ऊपर होना चाहिए। यह दर 13 जून से लागू है। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक महिलाओं के लिए यह 6.95 से 7.45 प्रतिशत है। पुरुषों के लिए यह दर 7 से 7.50 प्रतिशत है।
इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक की होम लोन की दरें 6.95 प्रतिशत है। यह दरें 35 लाख रुपए के होम लोन पर है। हालांकि आपको जब घर के लिए कर्ज लेना होगा तब आपको इससे ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। क्योंकि इन दरों के बाद बैंक या एनबीएफसी 2.95 से लेकर 3.20 प्रतिशत तक आरआर या अन्य दरें लगाते हैं। कुल मिलाकर आपको यह ब्याज दर करीबन 9 प्रतिशत के आस पास होती हैं।
इसी तरह इस समय सरकारी बैंकों की कर्ज पर ब्याज दरें 6.7 से लेकर 7.1 प्रतिशत है। एलआईसी हाउसिंग की बात करें तो यह 6.9 प्रतिशत पर ब्याज दर पर कर्ज देती है। एसबीआई की हाउसिंग लोन की ब्याज दरें 6.95 प्रतिशत है।
जानकारों के मुताबिक आनेवाले दिनों में बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों में कंपटीशन के चलते ब्याज दरें और नीचे जा सकती हैं। दरअसल जो कंपनियां ज्यादा ब्याज पर होम लोन दे रही हैं, उनके ग्राहक दूसरी कंपनियों की ओर जा रहे हैं। सरकारी बैंकों की होम लोन की ब्याज दरें इस समय पिछले दो दशकों में सबसे नीचे हैं।