अब दो किलो प्याज के लिए दिखाना होगा पहचान पत्र, 35 रुपये की दर से बेच रही सरकार

Update: 2020-10-25 08:27 GMT

हैदराबाद। प्याज की कीमतों में काबू करने के लिए जहां केंद्र सरकार ने उपाय तेज कर दिए हैं तो वहीं राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर जनता को फौरी राहत देने के लिए प्रयास शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में तेलंगाना सरकार ने शनिवार को किसान बाजारों के जरिए 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचने का फैसला किया। गौरतलब है कि खुले बाजारों में प्याज की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। कई जगहों पर प्याज के भाव 100 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। अभी भी अधिकतर शहरों में प्याज 75 के पार है।

एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित 11 रायतु (किसान) बाजारों में आज से सस्ती दरों पर प्याज मिलने लगा है। राज्य की राजधानी में स्थित रायतु बाजारों में छोटे किसान सीधे उपभोक्ताओं को सब्जियां बेच सकते हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक एक व्यक्ति को सिर्फ दो किलो प्याज ही बेचा जाएगा और प्याज खरीदने के लिए ग्राहक के पास पहचान पत्र भी होगा चाहिए।

प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) बफर स्टॉक से राज्यों को प्याज भेजने की प्रक्रिया में और तेजी लाएगी। ताकि, बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। इसके साथ सरकार ने प्याज पर भंडारण क्षमता लागू करने के साथ विदेश से प्याज मंगाने के लिए आयात नियमों में कुछ ढील दी है।

नेफेड राज्यों को 21 रुपये किलो की दर के प्याज उपलब्ध करा रही है। इसमें ट्रांसपोर्ट और दूसरे खर्च जोड़कर राज्य अपने हिसाब से उस प्याज को बाजारों में बेच सकेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नेफेड सफल स्टोर पर 28 रुपये किलो प्याज उपलब्ध करा रही है। अन्य राज्य नेफेड की कीमत में दूसरे खर्च भी जोड़ लें तो ज्यादा से ज्यादा 30 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जा सकती है।

इसके साथ ही सरकार को उम्मीद है कि इस माह के अंत तक राजस्थान से प्याज आने की उम्मीद है। इसके बाद प्याज की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। इससे पहले सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए खुदरा और थोक विक्रेताओं पर स्टॉक सीमा लागू कर दी है। थोक व्यापरियों को 25 टन तक प्याज और खुद व्यापारियों को दो टन प्याज स्टॉक की इजाजत होगी।

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