सुनहरा मौका : RBI ने जारी किए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, 28 मई तक कर सकते है निवेश

Update: 2021-05-24 10:42 GMT

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक  ने आज सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज निवेश के लिए जारी कर दी है। निवेश के इच्छुक खरीददार इन बॉन्ड्स को 28 मई तक खरीद सकेंगे। इस सीरीज के लिए प्रति ग्राम सोने के बॉन्ड का भाव 4 हजार,842 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है।

पहली सीरीज की तरह ही इस बार भी ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करने वाले निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इस तरह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ऑनलाइन निवेश करने वाले निवेशकों को दस ग्राम गोल्ड बॉन्ड लेने पर 500 रुपये की बचत होगी। इन निवेशकों को दस ग्राम गोल्ड बॉन्ड के लिए 48 हजार,420 रुपये की जगह 47 हजार,920 रुपये का ही भुगतान करना होगा।

65 रुपये की बढ़ोतरी -

इसके पहले सॉवरेन गोल्ड बांड की पहली सीरीज 17 मई को जारी हुई थी, जिसमें 21 मई तक लोगों को निवेश करने का मौका मिला था। पहली सीरीज में बॉन्ड की कीमत 4 हजार,777 रुपये प्रति ग्राम तय की गई थी। लेकिन पहली सीरीज के 21 मई को बंद होने के बाद शनिवार और रविवार की छुट्टी यानी 2 दिन के अंतराल पर आज जारी हुई दूसरी सीरीज में बॉन्ड की प्रति ग्राम कीमत में 65 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है।

6 सीरीज में जारी होंगे बॉन्ड - 

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कुल 65 रुपये की बढ़ोतरीसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का फैसला लिया है। इसकी पहली सीरीज 17 मई को जारी होकर 21 मई को बंद हुई। दूसरी सीरीज आज जारी हुई है, जो बिक्री के लिए 28 मई तक खुली रहेगी। तीसरी सीरीज 31 मई को शुरू होकर 4 जून तक बिक्री के लिए खुली रहेगी। वहीं चौथी सीरीज 12 जुलाई को जारी की जाएगी। इसे 16 जुलाई तक लिया जा सकेगा। जबकि पांचवी सीरीज 9 से लेकर 13 अगस्त के बीच खरीद के लिए उपलब्ध होगी। इसी तरह छठी और अंतिम सीरीज 30 अगस्त को जारी की जाएगी और इसे 3 सितंबर तक लिया जा सकेगा।

स्टॉक मार्केट में लिस्टेड -

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को स्टॉक मार्केट में भी लिस्ट किया जाएगा। निवेशक स्टॉक मार्केट के जरिये भी इन बॉन्ड्स की खऱीद बिक्री कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इश्यू प्राइस (शुरुआती खरीदी मूल्य) पर ढाई फीसदी का फिक्स्ड ब्याज मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 8 साल की है। नियमों के अनुसार मेच्योरिटी पीरियड के बाद इस बॉन्ड से होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही हर 6 महीने में मिलने वाले फिक्स्ड ब्याज पर भी किसी भी तरह की टैक्स कटौती नहीं होती है।

अधिकतम सीमा 4 किलो वजन -

नियमों के अनुसार कोई भी निवेशक 1 वित्त वर्ष में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो वजन तक की वैल्यू वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इसी तरह किसी ट्रस्ट के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशक 5 साल की अवधि पूरा होने के बाद मेच्योरिटी पीरियड के पहले भी अपना पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा स्टॉक मार्केट में भी इसे बेचकर अपना पैसा निकाला जा सकता है। लेकिन आमतौर पर स्टॉक मार्केट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मार्केट प्राइस से कुछ कम पर ट्रेड करता है। इसी वजह से जानकार इन बॉन्ड्स की स्टॉक मार्केट के जरिये ट्रेडिंग करने से बचने की सलाह देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्टॉक मार्केट के जरिये सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की बिक्री सिर्फ मजबूरी जैसे हालात में ही की जानी चाहिए।

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