नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित एमपीसी की बैठक 3, 5 और 6 अप्रैल तक चलेगी। नए वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों का ऐलान 6 अप्रैल को किया जाएगा।
आर्थिक मामलों के जानकारों ने सोमवार को बताया कि आरबीआई इस बैठक में नीतिगत ब्याज रेपो रेट में 0.25 फीसदी का एक और इजाफा कर सकता है। वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने कहा कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष की पहली एमपीसी बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। राणा ने कहा कि खुदरा महंगाई दर अभी भी 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में महंगाई दर को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक एक और बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है।उन्होंने कहा कि आरबीआई के प्रयास के बावजूद महंगाई पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है। ऐसे में बार-बार रेपो रेट में वृद्धि करने से कर्ज लेने वाले लोगों को महंगाई की मार के साथ-साथ होम लोन की किश्त में बढ़ोतरी को भी झेलना पड़ता है। इसलिए रिजर्व बैंक को रेपो रेट में ज्यादा बढ़ोतरी की जगह दूसरे उपाय से महंगाई रोकने की कोशिश करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी के स्तर पर रही है। आरबीआई ने मई, 2022 से अभी तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी तक बढ़ोतरी की है, जो चार फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो चुकी है। आरबीआई ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के फरवरी में संपन्न एमपीसी बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था।