नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी में 40 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन से उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव के कारण ऑफलाइन रिटेल यानी खुदरा व्यापारी अब ऑनलाइन कंपनी ऐमजॉन ओर फ्लिपकार्ट की साथ-साथ व्यापारिक संगठनों के लिए भी प्रतिस्पर्धा का नया क्षेत्र होगा।
हम आपको बता दें कि यह संगठन स्थानीय किराना दुकानों व कारोबारियों को ऑनलाइन जोड़ने के प्रयास में लगे है। अमेजन फ्लिपकार्ट वालमार्ट और रिलायंस जियोमार्ट जहां इं अवसरों को भुनाने में लगे है वहीं ऑफलाइन रिटेल एसोसिएशन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड्स (सीएआईटी) भी उद्योग एवम आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआई टी) के साथ मिलकर देश के 7 करोड़ कारोबारियों के लिए राष्ट्रीय ई- कॉमर्स बाज़ार तैयार करने में लगा है
सीएआईटी ने शुक्रवार को कहा कि वह विभिन्न कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर एक ऐसी व्यवस्था विकसित कर रहा है। जहां स्थानीय किराना दुकानें ऑनलाइन ऑर्डर लेने में सक्षम हो सकेंगी। ऐसा करने से दूरदराज तक निर्बाध आपूर्ति सुनश्चित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए जल्द एक राष्ट्रीय ई कॉमर्स व्यवस्था शुरू की जाएगी।
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया यह दुनिया का सबसे बड़ा ई कॉमर्स पोर्टल होगा हम एक ऐसा मजबूत पोर्टल बनाने जा रहे है जो निर्माता से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक किफायती आपूर्ति और डिजिटल भुगतान दोनों ही सुनिश्चित करें।
डीपीआईआईटी और सीएआईटी के अलावा इसके ई कॉमर्स पोर्टल के प्रवर्तकों में स्टार्ट अप इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरण महासंघ और अवाना कैपिटल भी शामिल है। हालांकि ई कॉमर्स उद्योग जगत के जानकार इसे चुनौती नहीं मानते। उन्हें लगता है कि अमेजन फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनी भी किराना कारोबारियों को लुभाने और उन्हें डिजिटल तकनीक से जोड़ने की बेहतर स्थिति में है।
अधिकांश ई कॉमर्स कंपनीयों ने किराना और ऑफलाइन स्टोर को अपने साथ जोड़ने की पहल शुरू भी कर दी है मसलन फ्लिपकार्ट ने किराना और जनरल स्टोर्स के साथ साझेदारी की घोषणा कर दी है। उसके साथ 37000 किराना करोबारी जुड़े है इनमें से 12000 अधिकृत खरीद क्षेत्र और करीब 25000 दूरदराज की आपूर्ति से जुड़े है। इनमे बेकरी, दवा दुकान, मोबाइल रिचार्ज, इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद उपभोक्ता की आदत में बदलाव आएगा और लोग भीड़ भरी दुकान से चीज से सामान खरीदना परहेज करेंगे। अमेजन भी हज़ारों किराना दुकानों को अपने साथ जोड़ने पर काम कर रही है वह अब तक 100 से शहरों में 5000 खुदरा कारोबारियों को अपने साथ जोड़ चुकी है रिलायंस जियो मार्ट भी किराना दुकानदारों को अपने साथ जोड़ रही है फेसबुक के निवेश के बाद इसके गति पकड़ने की आशा है।