इन चीजों को खरीदने के लिए करना होगा इंतजार, लॉकडाउन 2.0 में इन्हें छूट नहीं दी है सरकार
नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के बीच आज यानी 25 अप्रैल से कुछ दुकानों को खोलने की सरकार ने सशर्त इजाजत दी है। दुकानों के खुलने को लेकर भ्रम दूर करने के लिए गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में शॉपिंग मॉल को छोड़कर सभी दुकानें खुली रहेंगी। वहीं, शहरी इलाकों के लिए कहा गया है कि सभी स्टैंडअलोन दुकानें, पड़ोस की दुकानें और आवासीय परिसरों में दुकानें खोलने की अनुमति है, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां अभी भी गैरजरूरी वस्तुओं की बिक्री नहीं कर पाएंगी , यानी अभी आप मोबाइल, फ्रिज, टीवी जैसे सामान ऑनलाइन नहीं खरीद पाएंगे। हालांकि ई-रिटेलिंग कंपनियों के लिए अगले 6-9 महीने काफी अच्छे रहेंगे। एक सर्वे के मुताबिक इस दौरान 64 प्रतिशत उपभोक्ता आनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता देंगे। अभी यह आंकड़ा 46 प्रतिशत का है।
कुछ दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ देर बाद ही इस छूट को वापस ले लिया गया था। केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है लॉकडाउन की अवधि के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मंच के जरिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री नहीं कर पाएंगीं। बता दें देश में 3 मई तक लॉकडाउन है।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी कैपजेमिनी की रिपोर्ट के अनुसार देश में लागू राष्ट्रव्यापी बंद के चलते आनलाइन माध्यमों के जरिये खरीदी बढ़ी है। सर्वे में कहा गया है कि बंद उठाए जाने के बाद भी यही रुख जारी रहने की संभावना है। यह सर्वे अप्रैल के पहले दो सप्ताह के दौरान किया गया। सर्वे के अनुसार, ''करीब 46 प्रतिशत भारतीय दुकान पर जाकर खरीदारी करेंगे। इस महामारी के फैलने से पहले यह आंकड़ा 59 प्रतिशत का था। वहीं अगले 6-9 माह के दौरान 72 प्रतिशत भारतीय ग्राहक ऐसे रिटेलरों खरीदारी करेंगे जो डिलिवरी की पेशकश करेंगे या भविष्य में आर्डर रद्द होने की स्थिति में मुआवजे का आश्वासन देंगे।
सर्वे में शामिल करीब 74 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं ने कहा कि वे अगले 6-9 माह के दौरान ऐसे रिटेलरों से खरीदारी करेंगे जो उनके अनुकूल समय पर डिलिवरी का भरोसा दिलाएंगे। वहीं 89 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 के बाद वे साफ-सफाई, स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्कता बरतेंगे। करीब 78 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बाद वे डिजिटल भुगतान का अधिक इस्तेमाल करेंगे। 65 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना था कि अगले 6-9 माह के दौरान वे किराना और घर के इस्तेमाल के सामान की खरीद बढ़ाएंगे।