केंद्र सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) पर स्वायत्तता पर आंशिक नियंत्रण के लिए कुछ नियम बनाने की तैयारी कर रही है। सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय कुछ ऐसे नियम बना रहा है जो कि आईआईएम की फीस, दाखिले के लिए छात्रों की संख्या, कैंपस में लड़के और लड़कियों की संख्या और डिग्री संबंधी मौजूदा दिशा-निर्देशों को प्रभावित करेंगे। यहीं नहीं, इस पर विचार मंथन चल रहा है कि आईआईएम चेयरमैन की नियुक्ति या उसे हटाने में आईआईएम एक्ट का उल्लंघन किए बगैर सरकार की क्या भूमिका हो सकती है। दो सरकारी अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इसकी पुष्टि की है।
एक अधिकारी ने कहा, 'सभी आईआईएम समान गुणवत्ता व कद के नहीं होते, आपके नियम बनाने पड़ते हैं जिनसे इनकी क्वालिटी बनी रहे और इनका स्तर नीचे न गिरे। राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर इस बात को लेकर सहमति है कि नियमों के जरिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।' आईआईएम एक्ट संस्थानों को प्रशासनिक, एकेडमिक और वित्तीय मामलों में स्वायत्तता देता है।